2038 Asteroid NASA Report: नासा की चेतावनी है कि 2038 में पृथ्वी से एक एस्टेरॉयड टकराने वाला है! एस्टेरॉयड और पृथ्वी की टक्कर की संभावना 72% है! क्या आपने भी पिछले दिनों ऐसी कोई खबर पढ़ी है? तो भविष्‍य की टेंशन लेने के बजाय खबर का सच जान लीजिए. दरअसल, NASA और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने हाल ही में एक मॉक टेस्ट किया था. यह मॉक टेस्ट 2038 में पृथ्वी से संभावित रूप से टकराने वाले एक काल्पनिक क्षुद्रग्रह से निपटने की उनकी क्षमता का आकलन करने के लिए था.


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तमाम मीडिया संस्थानों ने इसे सच मान लिया और खबर चला दी. उन रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि हम इस एस्टेरॉयड को टकराने से रोकने में सक्षम नहीं हैं. दोनों ही बातें सच नहीं हैं. NASA के अनुसार, इस तरह के हालात से निपटने के लिए अब से ज्यादा सक्षम हम कभी नहीं थे.


कहां से उड़ी एस्टेरॉयड की टक्कर वाली खबर?


जिस टेबलटॉप एक्सरसाइज से यह 'खबर' निकली, वह 2-3 अप्रैल को अमेरिकी के मेरीलैंड में हुई थी. जॉन हॉपकिंस अप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी में दुनियाभर के 25 से ज्यादा संगठनों के करीब 100 एक्सपर्ट्स जुटे थे. इस इवेंट में, अनौपचारिक रूप से काल्पनिक एस्टेरॉयड हमले से निपटने के संभावित उपायों पर चर्चा हुई. Space.com के अनुसार, ऐसी चर्चाएं 2013, 14, 16 और 2022 में भी हो चुकी हैं.


NASA के प्लेनेटरी डिफेंस कोआर्डिनेशन ऑफिस के लीड प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव, लिंडले जॉनसन ने इवेंट पर एक बयान में कहा, 'एक बड़ा एस्टेरॉयड इम्पैक्ट संभवतः एकमात्र प्राकृतिक आपदा है, जिसके बारे में मानवता के पास वर्षों पहले पूर्वानुमान लगाने और उसे रोकने के लिए कार्रवाई करने की तकनीक है.' उन स्थितियों को सिमुलेट करके एक्सपर्ट्स को यह तय करने में मदद मिलती है कि अगर कभी ऐसा हो तो क्या किया जाए.


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यह वैज्ञानिकों की कपोल-कल्पना थी


20 जून को एक्सपर्ट्स की टीम ने एक ऑनलाइन न्यूज कॉन्फ्रेंस में हालिया सिमुलेशन के नतीजे शेयर किए हैं. इसी दौरान, पब्लिक को पहली बार बताया कि बंद दरवाजे के पीछे किस काल्पनिक हालात पर चर्चा हुई. काल्पनिक स्थिति में, खगोलविद एक बड़े क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) का पता लगाते हैं जिसके 14 साल बाद यानी 12 जुलाई, 2038 को पृथ्वी से टकराने की 72% संभावना है. इस काल्पनिक एस्टेरॉयड के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसकी ट्रेजेक्टरी बताती है कि यह डलास, वाशिंगटन, डी.सी., मैड्रिड और अल्जीयर्स, अल्जीरिया सहित प्रमुख शहरों से टकरा सकता है.


एस्टेरॉयड का साइज पता नहीं होने का मतलब है कि किसी भी संभावित इम्पैक्ट से 1,000 से लेकर एक करोड़ लोग मारे जा सकते हैं. तमाम मीडिया संस्थानों ने ऐसी खबरें चलाई जिनकी हेडलाइंस से लगा कि 2038 में कोई एस्टेरॉयड सच में धरती से टकराने वाला है और नासा ने आसन्न खतरे के बारे में 'चेतावनी जारी' की थी.


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क्या हम ऐसी किसी टक्कर के लिए तैयार हैं?


विज्ञान ने इतनी प्रगति तो कर ली है कि हम ऐसे किसी खतरे का सामना करने में सक्षम हैं. NASA ने हाल ही में 'डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट' (DART) मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था. इसमें Dimorphos नाम के एस्टेरॉयड से एक स्पेसक्राफ्ट की टक्कर कराई गई जिससे उसका रूट बदल गया और आकार भी. यह कारनामा 26 सितंबर, 2022 को अंजाम दिया गया था. इस टेस्ट ने हमें पहली बार दिखाया कि एस्टेरॉयड से अपने ग्रह को कैसे बचाया जा सकता है.


NASA की योजना 'नियर अर्थ ऑब्जेक्ट सर्वेयर' को लॉन्च करने की भी है. यह ऐसा स्पेस टेलीस्कोप होगा जो धरती के नजदीक एस्टेरॉयड की खोज करेगा. इसे 2028 तक लॉन्च किया जा सकता है. एक बार यह धरती की कक्षा में पहुंचा तो खतरनाक अंतरिक्ष चट्टानों को देख पाने की हमारी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.