जब बजती है `मौत की सीटी` तो एक चीख सी सुनाई देती है, दिमाग में मच जाती है खलबली; रिसर्च में खुलासा
Aztec Death Whistles: एज़्टेक डेथ व्हिसल से निकलने वाली आवाजें बहुत डरावनी होती हैं. अब वैज्ञानिकों ने इस `मौत की सीटी` सुनने से दिमाग पर पड़ने वाले असर का पता लगाया है.
Aztec Death Whistle Sound Effect: क्या आपने कभी 'मौत की सीटी' के बारे में पढ़ा-सुना है? अगर नहीं तो जान लीजिए कि यह दुनिया की सबसे डरावनी आवाजों में से एक है. किसी को 'एज़्टेक डेथ व्हिसल' से हिस्स जैसी फुफकार सुनाई देती है तो कोई भयानक चीख सुनता है. यह 'मौत की सीटी' देखने में भी उतनी ही भयावह है जितनी इससे निकलने वाली आवाज. वैज्ञानिकों ने पहली बार एज़्टेक डेथ व्हिसल की आवाज से दिमाग पर पड़ने वाले असर का पता लगाया है.
स्विस और नॉर्वेजियन रिसर्चर्स की टीम ने पाया कि 'मौत की सीटी' सुनने से हमारे दिमाग में कई सेंटर एक्टिव हो जाते हैं. उन्होंने इसकी आवाज को प्राकृतिक और भयावह रूप से अपरिचित का खतरनाक मिश्रण कहा है. हैरानी की बात नहीं कि एज़्टेक लोग शायद इनका इस्तेमाल धार्मिक और बलि संबंधी अनुष्ठानों को बढ़ाने के लिए करते थे.
'मौत की सीटी' की आवाज सुनने वालों ने क्या बताया?
ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में न्यूरोसाइंटिस्ट साशा फ्रुहोल्ज़ और उनके साथियों ने पूरे यूरोप से 70 वालंटियर्स को चुना. उन्हें रैंडम तरीके से डरावनी सीटियों समेत कई तरह की आवाजें सुनाकर प्रतिक्रिया ली गई. वालंटियर्स को यह नहीं पता था कि उन आवाजों में एज़्टेक डेथ व्हिसल की आवाजें भी होंगी. जब 'मौत की सीटी' बजी तो टेस्ट में शामिल 32 लोगों का fMRI के जरिए ब्रेन स्कैन किया गया. अधिकतर ने आवाज की तुलना एक चीख से की.
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टीम ने कहा, 'हमने दिखाया है कि मौत की सीटी की आवाज को मुख्य रूप से अप्रिय और डरावनी माना जाता है. यह आवाज प्राकृतिक और कृत्रिम हाइब्रिड से पैदा होती है. रिसर्चर्स के मुताबिक, प्राकृतिक और कृत्रिम का यह अजीब मिश्रण दिमाग को कंफ्यूज कर देता है. वह तय नहीं कर पाता कि जो देख-सुन रहा है, वह प्राकृतिक है या कृत्रिम. रिसर्च के नतीजे Communications Psychology में छपे हैं.