Science News: वैज्ञानिकों ने भयानक ब्रह्मांडीय टक्कर के दौरान डार्क मैटर को नॉर्मल मैटर से अलग होकर आगे उड़ते देखा है. डार्क मैटर से जुड़ी यह खोज गैलेक्सी क्लस्टर्स की टक्कर के दौरान हुई है. ऐसा पहली बार नहीं है जब हमने डार्क मैटर को सामान्य पदार्थ से अलग होते देखा हो, लेकिन कभी इस तरह से नहीं देखा गया. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि नई खोज हमें ब्रह्मांड में चारों तरफ विद्यमान, रहस्यमय डार्क मैटर के व्यवहार और गुणों के बारे में नए सुराग दे सकती है.


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आकाशगंगाओं के दो विशाल क्लस्टर इतनी तेजी से एक-दूसरे से टकरा रहे हैं कि उनका डार्क मैटर, नॉर्मल मैटर से अलग हो चुका है. यह डार्क मैटर अब आगे-आगे उड़ रहा है. काफी कुछ दो गाड़ियों के बीच फंसी किसी चीज की तरह. दोनों कारें तो जब चाहें, ब्रेक लगाकर खुद को रोक सकती हैं, लेकिन बीच में मौजूद चीज मोमेंटम की वजह से आगे बढ़ती चली जाती है.


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डार्क मैटर का रहस्य


डार्क मैटर, ब्रह्मांड के सबसे रहस्यों में से एक है. वैज्ञानिकों को यह नहीं मालूम कि यह क्या है, क्योंकि इसे प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा जा सकता, न ही सीधे तौर पर डिटेक्ट हो सकता है. हमें जितना सामान्य पदार्थ (नॉर्मल मैटर) हमें दिखाई देता है, ब्रह्मांड में उस अनुमान से कहीं ज्यादा गुरुत्वाकर्षण मौजूद है. तारों और आकाशगंगाओं की गति में ज्यादा ग्रेविटी दिखती है. ताकतवर ग्रेविटेशनल फील्ड की मौजूदगी में स्पेस-टाइम खुद ही खुद को मोड़ लेता है और सिकुड़ जाता है.


वैज्ञानिकों के अनुसार, हमें जो कुछ दिखता है, वह नॉर्मल मैटर ब्रह्मांड का केवल 15 प्रतिशत है. बाकी का 85 प्रतिशत यही अदृश्‍य डार्क मैटर है, जिसके बारे में ऐसा लगता है कि यह नॉर्मल मैटर से सिर्फ ग्रेविटी के सहारे प्रतिक्रिया करता है. डार्क मैअर हर जगह मौजूद है. सामान्य पदार्थ वाली आकाशगंआओं, जैसे कि हमारी Milky Way के भीतर भी भारी डार्क मैटर है.


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डार्क मैटर के विशाल तंतु मिलकर 'ब्रह्मांडीय जाल' बनाते हैं, जो गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से आकाशगंगाओं को आकाशगंगाओं से, समूहों को समूहों से जोड़ता है, जिससे सामान्य पदार्थ मिलने, टकराने और बढ़ने के लिए यात्रा कर सकते हैं. सामान्य पदार्थ अन्य चीजों के साथ कई तरीके से प्रतिक्रिया करता है. ऐसे में जब कोई बड़ी घटना होती है, जैसे कि आकाशगंगाओं के क्लस्टर की टक्कर, तो गैस के विशाल बादाल एक-दूसरे से टकराते हैं और गर्म, तूफानी होते चले जाते हैं.


डार्क मैटर और नॉर्मल मैटर की स्पीड में अंतर


जब नॉर्मल मैटर इलेक्ट्रोमैग्नेटिकली इंटरएक्ट करता है और जब वह शॉक और अशांत होता है तो एक ब्रेकिंग इफेक्ट लागू होता है, जिससे क्लस्टर धीमे हो जाते हैं. लेकिन डार्क मैटर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. वह नए क्लस्टर के चारों ओर स्थिति में वापस आने से पहले आगे बढ़ता है. वैज्ञानिकों ने जिन क्लस्टर्स को टकराते हुए देखा है, उन्हें MACS J0018.5+1626 कहा जाता है. उनका ओरिएंटेशन कुछ ऐसा है कि उनके भीतर के मैटर की वेलॉसिटी (वेग) की एक नई माप की इजाजत देता है.


चूंकि डार्क मैटर और आकाशगंगाएं, क्लस्टर टक्कर के दौरान समान व्यवहार करती हैं, क्लस्टर में शामिल आकाशगंगाएं डार्क मैटर की स्पीड के लिए एक प्रॉक्सी की भूमिका निभाती हैं. इंट्राक्लस्टर माध्यम की गति को मापने के लिए, वैज्ञानिकों की टीम ने सुन्यायेव-ज़ेल्डोविच इफेक्ट का सहारा लिया.


रिसर्चर्स ने पाया कि क्लस्टर के नॉर्मल मैटर और डार्क मैटर के वेग में काफी अंतर है. यह रिसर्च The Astrophysical Journal में छपी है.


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