नई दिल्ली: आपने मिस्र (Egypt) से जुड़ी कई कहानियां सुनी होंगी. उन्हीं चर्चित कहानियों में शामिल है 'भगवान की जमीन' या 'Land of Punt' की कहानी. कहा जाता है कि यहां से निकलने वाले लोगों के हाथ बहुत सारा खजाना लगा है. यह सबसे पुरानी काल्पनिक कथाओं में से एक है. हालांकि, पुरातत्वविदों (Archaeologists) का मानना है कि Punt वाकई में एक जगह थी.


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हाल ही में एक 3300 साल पुराने बबून की खोपड़ी (Baboon Skull) सामने आई है. इस खोपड़ी को उसी जगह का बताया जा रहा है. इससे वहां के कई रहस्य खुलने की उम्मीद जताई जा रही है.


बबून के दांतों पर हुई स्टडी


बबून (Baboon) के ये अवशेष Hamadryas के बताए जा रहे हैं. इस बबून की खोज 19वीं सदी में की गई थी. मिस्र (Egypt) के लोग इस बबून को विवेक का देवता मानते थे. इसे सूर्य देव से भी जोड़ा जाता था. हालांकि प्राइमेट्स (Primates) की यह प्रजाति मूल रूप से मिस्र की नहीं है. बबून के दांतों में स्ट्रॉन्शियम (Strontium) के आइसोटोप्स की स्टडी की गई थी, जिससे किसी जगह का पता लगाया जा सकता है. 


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मिस्र में प्रचलित हैं खजाने की कहानियां


जानवरों के दांतों के इनैमल (Enamel) में स्ट्रॉन्शियम के आइसोटोप्स के आधार पर बताया जा सकता है कि उसका शुरुआती जीवन कहां बीता होगा. इस स्टडी से पता चला है कि बबून मिस्र में पैदा नहीं हुआ था. इसका जन्म वहां हुआ था, जहां आज एरिट्रिया, इथियोपिया और सोमालिया का क्षेत्र है. यही वह इलाका है, जहां पुरातत्वविदों के मुताबिक, Punt का क्षेत्र है. इसी आधार पर माना जा रहा है कि यह बबून (Baboon) उसके खजाने का हिस्सा है.


4500 साल पहले Punt जाया करते थे लोग


मिस्र के लोगों ने 4500 साल पहले Punt जाना शुरू किया था और हजारों साल तक जाते रहे. हालांकि, इससे जुड़े लेखों में जिस खजाने का जिक्र किया जाता था, उसमें खाने के सामान से लेकर धातु और दुर्लभ जानवर भी शामिल थे. वह खजाना कभी हाथ नहीं लगा है लेकिन अब इस खोज से प्राचीन कथा की ओर उनका ध्यान गया है.


डार्टमाउथ कॉलेज में प्राइमेटॉलजिस्ट नथेनियल डॉमिनी और उनके साथियों को एक ब्रिटिश म्यूजियम (British Museum) में यह सुरक्षित रखा हुआ मिला था.


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