James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने एक अभूतपूर्व खोज की है. अंतरिक्ष में मौजूद, अब तक की सबसे शक्तिशाली दूरबीन ने ब्रह्मांड में बेहद दूर स्थित एक आकाशगंगा में 44 अलग-अलग तारों को देखा है. यह खोज बेहद अहम है क्योंकि वैज्ञानिक इससे पहले, इतनी दूर की आकाशगंगाओं में व्यक्तिगत तारों की पहचान करना असंभव मानते थे. JWST ने अबेल 370 (Abell 370) नामक गैलेक्सी क्लस्टर में स्थित 'ड्रैगन आर्क' में इन 44 तारों की पहचान की.


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यह आर्क एक लंबी, लहराती रोशनी की पट्टी के रूप में दिखाई देती है, जो दूर की आकाशगंगा से आता प्रकाश है. इस आकाशगंगा का प्रकाश लगभग 6.5 अरब वर्ष पहले पृथ्वी तक पहुंचना शुरू हुआ था, जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का लगभग आधा था. इन नतीजों के बारे में एक स्टडी 6 जनवरी को Nature Astronomy जर्नल में छपी है.


ग्रेविटेशनल लेंसिंग से चला इन तारों का पता (Illustration courtesy of Yoshinobu Fudamoto)

मौत के बेहद करीब हैं ये तारे


JWST ने जिन 44 तारों की खोज की हैं, उनमें से अधिकांश लाल सुपरजाइंट हैं. यानी वे अपने जीवन के अंतिम चरणों में हैं. 'ड्रैगन आर्क' में इन तारों की मौजूदगी प्लैनेटरी लेंसिंग की वजह से है. यह ऐसी घटना है, जिसमें एक विशाल आकाशगंगा समूह, जैसे अबेल 370, अपनी विशाल गुरुत्वाकर्षण शक्ति के चलते दूर की आकाशगंगाओं के प्रकाश को मोड़ देता है, जिससे वे लहराती आर्क्स के रूप में दिखाई देती हैं.


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जेम्स वेब टेलीस्कोप की नई खोज से एस्ट्रोनॉमर्स को डार्क मैटर और आकाशगंगाओं के विकास से जुड़ी अहम जानकारी मिलेगी. इन तारों की स्टडी करके, वैज्ञानिक ब्रह्मांड के प्रारंभिक इतिहास और उसकी संरचना को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे.


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