लंदन : एक वैश्विक आकलन की मानें तो दुनिया में 2025 तक 9.1 करोड़ स्थूलकाय व्यक्तियों सहित पांच से लेकर 17 वर्ष की उम्र के कम से कम 26.8 करोड़ बच्चे मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। आकलन में कहा गया है कि मौजूदा चलन में बदलाव के लिए कोई भी नीतिगत दखल प्रभावी नहीं हुआ है।


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इस साल 11 अक्तूबर को आयोजित हो रहे ‘विश्व मोटापा दिवस’ के मौके पर ब्रिटेन में ‘वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन’ के शोधकर्ताओं ने आंकड़ा जारी किया है जिसमें आशंका जताई गई है कि बच्चों में मोटापा संबंधी परिस्थितियां बढेंगी।


शोधकर्ताओं ने पाया कि 2025 में 1.2 करोड़ बच्चों में ग्लुकोज सहन करने की क्षमता प्रभावित होगी, 40 लाख में टाइप 2 मधुमेह की शिकायत होगी, 2.7 लाख को उच्च रक्तचाप की शिकायत और 3.8 करोड़ में हीपैटिक सीटोसिस या लिवर में वसा की मात्रा बढ़ने की शिकायतें मिलेंगी।


‘ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज’ के सहयोग से 2000 और 2013 के लिए तैयार आंकड़े का इस्तेमाल करते हुए शोधकर्ताओं ने आकलन किया है कि 2025 तक 9.1 करोड़ मोटे लोगों सहित पांच से 17 वर्ष की उम्र के 26.8 करोड़ बच्चे अत्यधिक वजन की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं।


यह निष्कर्ष ‘पेडियाट्रिक ओबेसिटी’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है ।