Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे पुरानी वर्णमाला के सबूत खोजे हैं. सीरिया की एक प्राचीन कब्र में मिले सबूत वर्णमालाओं की उत्पत्ति के बारे में धारणाओं को चुनौती देते हैं. आर्कियोलॉजिस्ट्स ने इस सप्ताह, अमेरिकन सोसायटी ऑफ ओवरसीज रिसर्च की एनुअल मीटिंग में अपनी खोज के बारे में बताया. उंगलियों के बराबर लंबाई वाले मिट्टी के सिलेंडरों पर उकेरी गई यह लिखावट लगभग 2400 ईसा पूर्व की है. यह वर्णमाला लिपि के किसी भी अन्य ज्ञात उदाहरण से लगभग 500 साल पहले की है. मनुष्य ने वर्णमाला से पहले लेखन का विकास किया था.


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4000 साल पुरानी है यह वर्णमाला


आर्कियोलॉजिस्ट्स की टीम ने पश्चिमी सीरिया के पहले मध्यम आकार के शहरी केंद्रों में से एक टेल उम्म-एल मार्रा में मिट्टी के सिलेंडर ढूंढे. 16 साल तक चली खुदाई में प्रारंभिक कांस्य युग की कब्रें मिलीं. एक कब्र में 6 कंकाल, सोने और चांदी के आभूषण, खाना पकाने के बर्तन, एक भाला और मिट्टी के बर्तन मिले. मिट्टी के बर्तनों के बगल में मिट्टी के सिलेंडर पाए गए. रेडियो कार्बन डेटिंग से पुष्टि हुई है कि कब्रें, कलाकृतियां और लेखन लगभग 4,400 साल पुराने हैं.


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'वर्णमाला से आई क्रांति'


मिट्टी के सिलेंडरों को खोजने वाले और अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर ग्लेन श्वार्ट्ज कहते हैं, 'वर्णमाला ने लेखन में क्रांति ला दी, क्योंकि इसने इसे राजघरानों और सामाजिक रूप से अभिजात वर्ग से परे लोगों के लिए सुलभ बना दिया. वर्णमाला लेखन ने लोगों के जीने के तरीके, उनके सोचने के तरीके और उनके संवाद करने के तरीके को बदल दिया.' उन्होंने कहा, 'यह नई खोज दिखाती है कि लोग नए-नए तरीकों के साथ बहुत पहले से ही प्रयोग कर रहे थे और एक अलग जगह पर, जिसकी हमने अब तक कल्पना भी नहीं की थी.'


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प्राचीन मिस्र की सबसे पुरानी चित्रलिपि लगभग 5,200 साल पुरानी है. आधुनिक दक्षिणी इराक के प्राचीन मेसोपोटामिया शहर उरुक में पाया गया पहला क्यूनिफॉर्म टेक्स्ट - किश टैबलेट - थोड़ा पुराना है, जो लगभग 3400 ईसा पूर्व में लिखा गया था. पुरातत्वविदों को 6,000 साल पहले के प्रोटो-क्यूनिफॉर्म के साक्ष्य भी मिले हैं, वह भी उरुक में. वर्णमाला लेखन उस बदलाव का प्रतीक है जिसमें अक्षर भाषा में ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, न कि चित्रलेख या प्रतीक शब्दों या विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं.


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