Snowfall: आप अगर सोचते हैं कि बर्फ सिर्फ धरती पर पड़ती है तो आप गलत है. पृथ्वी के अलावा भी एक ग्रह और है जहां बर्फ पड़ती है. यह ग्रह है मंगल जिस पर जीवन की संभावनाओं को लेकर हमेशा से ही वैज्ञानिक उत्साहित रहे हैं.  मंगल एक शुष्क, उजाड़ जगह की तरह लग सकता है, लेकिन सर्दियों में लाल ग्रह एक अलौकिक वंडरलैंड में बदल जाता है. यह ग्रह बर्फ और ठंड से अनजान नहीं है.


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मंगल के धुर्वों पर गिरती है बर्फ
मंगल ग्रह के ध्रुवों पर तापमान माइनस 123 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है. इस ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड आधारित बर्फ मिलती है. जिसे सूखी बर्फ या ड्राई आइस कहते हैं. यह बर्फ मंगल की सतह पर गिरती है. लेकिन पूरे ग्रह पर नहीं पाई जाती केवल ध्रुवों के पास पाई जाती है.


अब तक, कोई भी ऑर्बिटर या रोवर लाल ग्रह पर बर्फ को गिरते हुए नहीं देख पाए हैं क्योंकि मौसम की यह घटना ध्रुवों पर केवल रात में बादलों के नीचे होती है. कक्षाओं पर लगे कैमरे बादलों में से नहीं देख सकते हैं, और अब तक कोई रोबोटिक विकसित नहीं किया गया है जो ध्रुवों पर ठंडे तापमान से बच सके.


ऐसे पता चला बर्फ का?
हालांकि, मार्स रिकॉइनेंस ऑर्बिटर पर मार्स क्लाइमेट साउंडर उपकरण उस प्रकाश का भी पता लगा सकता है जो मानव आंख के लिए अदृश्य है. इसने मंगल ग्रह के ध्रुवों पर गिरने वाली कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ का पता लगाया है.


यहां आपको यह भी बता दें कि मंगल पानी से बनने वाली बर्फ भी होती है जिसे हम पृथ्वी पर देखते हैं. फीनिक्स लैंडर, जो 2008 में मंगल ग्रह पर पहुंचा था, ने भी मंगल ग्रह के उत्तरी ध्रुव से लगभग 1,000 मील (1,609 किलोमीटर) दूर अपने स्थान से जल-बर्फ का पता लगाने के लिए अपने एक लेजर उपकरण का उपयोग किया था.


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