Superbug In ISS 2024 News: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 'सुपरबग' मिलने से सनसनी फैल गई है. IIT मद्रास और NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) के रिसर्चर्स इस 'सुपरबग' पर स्टडी कर रहे हैं. इस पैथोजन पर कई तरह के ड्रग्स का असर नहीं होता. 'सुपरबग' की खोज ने एस्ट्रोनॉट्स की सेहत को खतरे में डाल दिया है. भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अभी ISS पर ही हैं.


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ISS पर पाए गए पैथोजन का नाम Enterobacter bugandensis है. यह ISS की भीतरी सतहों पर मिला है. 16 अप्रैल को एक प्रेस रिलीज में NASA ने कहा था कि ISS से लिए गए Enterobacter bugandensis नमूनों की जांच की गई है. 


58 साल की सुनीता विलियम्स गुरुवार को अपनी तीसरी अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना हुई थीं. उनके साथ बुच विलमोर (61) भी गए हैं. दोनों एस्ट्रोनॉट्स ने बोइंग के स्टारलाइनर एयरक्राफ्ट पर सवार होकर ISS तक का सफर तय किया. विलियम्स इस फ्लाइट टेस्ट की पायलट हैं और विलमोर मिशन कमांडर की भूमिका में हैं.


ISS के एस्ट्रोनॉट्स को कितना खतरा?


एस्ट्रोनॉट्स के लिए अंतरिक्ष में सेहत से जुड़ी चुनौतियां बढ़ जाती हैं. वहां इंसान का इम्यून सिस्टम थोड़ा अलग तरीके से काम करता है, मेडिकल सुविधाएं भी सीमित रहती हैं. रिसर्चर्स के मुताबिक, ISS के माइक्रोबियल लैंडस्केप को समझना बहुत जरूरी है. PTI ने IIT मद्रास की रिलीज के हवाले  से कहा, 'वर्तमान स्टडी अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और अंतरिक्ष वातावरण में सूक्ष्मजीवों की रोगजनक क्षमता की जांच करने की जरूरत पर जोर देती है.'


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NASA ने E. bugandensis से जुड़ी एक और स्टडी का हवाला दिया. ISS के भीतर नियंत्रित वातावरण होता है. वहां माइक्रोग्रैविटी होती है, कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ा रहता है और सोलर रेडिएशन भी ज्यादा होता है. ऐसे में माइक्रो ऑर्गनिज्म यानी सूक्ष्मजीवी तेजी से पनपते हैं. ये ISS में मौजूद एस्ट्रोनॉट्स की सेहत पर गहरा असर डालते हैं.


Enterobacter bugandensis आमतौर पर इंसानी आंत में पाया जाता है. यह मानव शरीर को कई तरह के संक्रमण दे सकता है.