मंगल की जमीन पर मिल गया पानी! असंभव मान रहे थे वैज्ञानिक, नई खोज ने कर डाला हैरान
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मंगल की जमीन पर मिल गया पानी! असंभव मान रहे थे वैज्ञानिक, नई खोज ने कर डाला हैरान

Water Frost On Mars: मंगल ग्रह पर पहली बार बर्फ मिली है. लाल ग्रह की भूमध्य रेखा पर पहली बार ऐसा देखा गया है. पहले माना जाता था कि मंगल के इस क्षेत्र में वाटर फ्रॉस्ट का अस्तित्व असंभव होगा.

मंगल की जमीन पर मिल गया पानी! असंभव मान रहे थे वैज्ञानिक, नई खोज ने कर डाला हैरान

Mars Water Frost Discovery: मंगल ग्रह पर वाटर फ्रॉस्ट यानी बर्फ की खोज ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. भूमध्य रेखा के पास पहली बार वाटर फ्रॉस्ट देखा गया है. यह इलाका मंगल के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बराबर है. वैज्ञानिक अभी तक यह मानते थे कि यहां पर बर्फ की मौजूदगी असंभव है. नई खोज हमें मंगल पर पानी की मौजूदगी के बारे में जानकारी दे सकती है. यह भविष्‍य के मंगल मिशनों से जुड़ी अहम खोज साबित हो सकती है.

मंगल पर वाटर फ्रॉस्ट को यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के दो स्पेसक्राफ्ट्स ने देखा है. पहले 2016 में मंगल पर पहुंचे ExoMars Trace Gas Orbiter (TGO) ने इसकी खोज की. उसके बाद Mars Express mission ने भी वाटर फ्रॉस्ट को देखा. यह 2003 से ही मंगल की परिक्रमा कर रहा है. स्विट्जरलैंड की बर्न यूनिवर्सिटी में पीएचडी स्टूडेंट रहे एडम वैलेन्टिनास ने इस फ्रॉस्ट की खोज की. अब वे ब्राउन यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर हैं. उनकी टीम की रिसर्च के नतीजे 10 जून को Nature Geoscience जर्नल में छपे हैं.

मंगल पर कुछ देर के लिए जमती है बर्फ!

यह वाटर फ्रॉस्ट थारसिस इलाके में मिला है जो मंगल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी क्षेत्र है. यहां पर 12 विशाल ज्वालामुखी मौजूद हैं. इनमें Olympus Mons भी शामिल है जो न सिर्फ मंगल, बल्कि पूरे सौरमंडल की सबसे बड़ी चोटी (29.9 किलोमीटर) है. बर्फ के यह धब्बे कुछ समय के लिए ही दिखते हैं, फिर धूप आने के कुछ देर बाद वाष्पित हो जाते हैं.

ये फ्रॉस्ट बेहद पतले हैं, इंसान के बाल जितने. इसके बावजूद वे इतने बड़े इलाके में फैले हैं कि उनमें 11 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी हो सकता है. यह पानी लगातार मंगल की सतह और उसके वायुमंडल के बीच आता-जाता रहता है.

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अभी तक इसे अंसभव मान रहे थे वैज्ञानिक

वैलेन्टिनास ने स्पेसडॉटकॉम से बातचीत में कहा, 'हमने सोचा था कि मंगल की भूमध्य रेखा के आसपास पाला पड़ना असंभव है. क्योंकि धूप और पतले वायुमंडल के मिश्रण से सतह और पहाड़ की चोटी दोनों पर तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहता है. यह पृथ्वी से उलट है जहां आप पाले से ढकी चोटियों की अपेक्षा कर सकते हैं.' उन्होंने बताया, 'यहां इसकी मौजूदगी रोमांचक है और यह संकेत देता है कि यहां असाधारण प्रक्रियाएं चल रही हैं, जो बर्फ के बनने में सहायक हैं.'

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