ब्लैक होल से फूट रहा उबलते प्लाज्मा का 3000 प्रकाश वर्ष लंबा जेट, जो भी करीब आया तबाह हो गया
Supermassive Black Hole Jets: M87 गैलेक्सी के केंद्र में मौजूद महाविशाल ब्लैक होल से बेहद गर्म प्लाज्मा का जेट निकल रहा है. करीब 3,000 प्रकाश-वर्ष में फैला यह जेट अपने आस-पास के तारों में भी धमाके करा रहा है.
Black Hole News: हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से पता चला है कि एक सुपरमैसिव ब्लैक होल ब्रह्मांड में कैसी तबाही मचा रहा है. इस दैत्याकार ब्लैक होल के मुंह से गर्म प्लाज्मा का जेट निकल रहा है. यह कुछ वैसा ही है जैसे कोई ब्लोटॉर्च ऑन करते ही तेज ज्वाला निकल पड़ती है. लेकिन इस ब्लैक होल से निकली ज्वाला इतनी गर्म और खतरनाक है कि तारों में धमाके करा रही है.
फट जा रहे ब्लैक होल जेट के आस-पास मौजूद तारे
यह सुपरमैसिव ब्लैक होल M87 नाम आकाशगंगा के केंद्र में स्थित है. इसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 6.5 अरब गुना ज्यादा है. इससे निकल रही बेहद गर्म प्लाज्मा की धार (जेट) 3,000 प्रकाश वर्ष में फैली है. इस धार के रास्ते में आने वाली कोई चीज बस नहीं पाती. लेकिन, नई रिसर्च कहती है कि इस जेट के करीब होना भी खतरनाक है. बेहद गर्म ऊर्जा की यह बीम नजदीकी स्टार सिस्टमों को भी धमाके के साथ फटने पर मजबूर कर रही है. इन धमाकों को नोवा कहा जाता है.
ऐसा क्यों हो रहा है, वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझा नहीं पाए हैं. NASA की ओर से जारी बयान में स्टडी के लीड ऑथर और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोफिजिसिस्ट, एलेक लेसिंग ने कहा कि 'हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है, लेकिन यह बेहद उत्साहजनक खोज है.' उन्होंने कहा कि 'इसका मतलब है कि ब्लैक होल जेट्स आसपास के वातावरण से कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, उससे जुड़ी हमारी समझ में कुछ तो कमी है.'
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ब्रह्मांड में 'तारों के विनाशक' की भूमिका में ब्लैक होल
सुपरमैसिव ब्लैक होल आमतौर पर आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाते हैं. ये बड़ी तेजी से आसपास मौजूद पदार्थ को लीलते हैं और फिर भयानक रफ्तार से उसे उगल देते हैं. जैसे-जैसे पदार्थ ब्लैक होल के -मुंह' के पास पहुंचता है, घर्षण के कारण वह गर्म हो जाता है. यह गर्मी तारों की तुलना में खरबों गुना अधिक चमकदार प्रकाश पैदा करती है जिसे हम टेलीस्कोप से देख पाते हैं. कभी-कभी, सक्रिय ब्लैक होल इस गिरते हुए पदार्थ को विशाल ऊर्जा जेट में बदल देते हैं जो अंतरिक्ष में फैल जाते हैं.
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वैज्ञानिकों ने हबल टेलीस्कोप के जरिए M87 के सुपरमैसिव ब्लैक होल से निकले वाले जेट पर नजर डाली. रिसर्चर्स ने पाया कि जेट के पास वाले स्टार सिस्टम्स में बाकी आकाशगंगा के मुकाबले दोगुने से अधिक नोवा विस्फोट हो रहे थे. नोवा धमाका आमतौर पर बाइनरी स्टार सिस्टम में तब होता है जब एक सफेद बौना - एक मृत तारे का सुलगता हुआ छिलका - अपने सामान्य तारा साथी से हाइड्रोजन ईंधन चुरा लेता है, जिससे वह बौना एक विशाल परमाणु बम की तरह फट जाता है.
ऐसा लगता है कि ब्लैक होल जेट इन नोवा सिस्टम में भी ऐसा ही कुछ होने का कारण बन रहा है. पक्के तौर पर इस असर का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों को इन ब्रह्मांडीय जेट्स के आसपास तारों के फटने पर नजर रखनी होगी.