ब्लैक होल से चलने वाले दैत्यों ने पड़ोसी आकाशगंगाओं को मौत के घाट उतारा! हैरान कर रही नई खोज
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ब्लैक होल से चलने वाले दैत्यों ने पड़ोसी आकाशगंगाओं को मौत के घाट उतारा! हैरान कर रही नई खोज

Quasar Black Hole News: वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में सुपरमैसिव ब्लैक होल से संचालित क्वासर पड़ोस की आकाशगंगाओं को मौत के घाट उतार रहे थे.

ब्लैक होल से चलने वाले दैत्यों ने पड़ोसी आकाशगंगाओं को मौत के घाट उतारा! हैरान कर रही नई खोज

Science News: क्वासर ब्रह्मांड की सबसे चमकदार चीजों में से हैं. ये अक्सर अपने आस-पास की आकाशगंगाओं में मौजूद हर तारे की कुल रोशनी को मात दे देते हैं. हर क्वासर के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल होता है जिनका द्रव्यमान सूर्य से लाखों गुना ज्यादा होता है. नई रिसर्च से पता चला है कि ब्लैक होल से चलने वाले क्वासर ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में तबाही मचा रहे थे. वे पड़ोस में स्थित कई आकाशगंगाओं की मृत्यु के लिए जिम्मेदार थे. डार्क एनर्जी कैमरा (DECam) की मदद से वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि कर दी है. यानी, एक तरह से उन्हें ब्रह्मांड का 'सबसे बड़ा हत्यारा' करार दिया जा सकता है.

कैसे आकाशगंगाओं की 'हत्या' करते हैं क्वासर?

एस्ट्रोनॉमर्स की एक टीम ने पाया कि क्वासर असल में 'शोरगुल वाले पड़ोसी' होते हैं. ये घातक रेडिएशन छोड़ते हैं जिससे तारे बनने की प्रक्रिया रुक जाती है और नजदीकी आकाशगंगाओं की 'मौत' हो जाती है. यही वजह है कि कुछ क्वासर के पास मौजूद आकाशगंगाएं विकसित नहीं हो पातीं. वे बेहद छोटी रह जाती हैं और उनका प्रकाश बेहद मद्धम होता है जिसे देखना मुश्किल है.

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शुरुआती ब्रह्मांड के क्वासर पर रिसर्च

रिसर्च टीम के मुताबिक, उनकी खोज के नतीजे यह समझा सकते हैं कि क्यों शुरुआती ब्रह्मांड के घनत्व के बारे में पहले की कुछ स्टडीज ने आकाशगंगाओं और क्वासरों को एक साथ कसकर पैक किया हुआ दिखाया है, जबकि अन्य ने क्वासरों के आसपास साथी आकाशगंगाओं की कमी का संकेत दिया है. उन्होंने रिसर्च के लिए पृथ्‍वी से 12.8 प्रकाश वर्ष दूर स्थित क्वासर VIK 2348–3054 पर फोकस किया.

इंटरनेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी रिसर्च (ICRAR) के यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया नोड के पोस्टडॉक रिसर्चर, टीम लीडर ट्रिस्टन लैम्बर्ट ने एक बयान में कहा DECam की मदद से क्वासर के आसपास के इलाके पर नजर डाली गई.

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एक बड़े इलाके में नहीं मिलीं आकाशगंगाएं

वैज्ञानिक एक खास तरह के उत्सर्जन Lyman-alpha रेडिएशन का माप ले रहे थे. यह हाइड्रोजन के उस रूप का संकेत है जिसके इलेक्ट्रॉन भारी तापमान की वजह से नष्‍ट हो गए हैं. इलेक्ट्रॉन और हाइड्रोजन नाभिक फिर से जुड़ते हैं, जिसमें पहले से आयनित हाइड्रोजन परमाणु कुछ इलेक्ट्रॉनों को वापस ले लेते हैं. यह तारा निर्माण का एक खास संकेत है.

क्वासर VIK J2348-3054 के लिए ऐसा करते हुए, टीम को 38 साथी आकाशगंगाएं मिलीं, जो 60 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर थीं और अंतरिक्ष के एक घने क्षेत्र का संकेत देती हैं. लैम्बर्ट और उनके साथी हैरान रह गए क्योंकि उन्होंने पाया कि क्वासर से 15 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी के भीतर साथी आकाशगंगाएं पूरी तरह गायब थीं.

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रिसर्चर्स को शक है यह क्वासर से निकलने वाले तेज रेडिएशन का नतीजा हो सकता है जो तारों के निर्माण में बाधा बना. इस वजह से नजदीकी इलाके में आकाशगंगाओं का विकास रुक रहा है. इसका मतलब है कि वे आकाशगंगाएं शायद वहां मौजूद हैं, लेकिन देखने के लिए बहुत छोटी और धुंधली हैं.

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