कोलकाताः विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त निकाय विज्ञान प्रसार लोगों के बीच विज्ञान को नए सिरे से लोकप्रिय बनाने के क्रम में उनसे क्षेत्रीय भाषाओं में बातचीत करने के लिए पूरी तरह तैयार है. एक वैज्ञानिक ने शुक्रवार को बताया कि अंग्रेजी एवं हिंदी के अलावा विज्ञान प्रसार के सभी प्रकाशन एवं ऑनलाइन विषय वस्तुओं को क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा. 


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विज्ञान प्रसार के रिंटू नाथ ने कहा, “वृहत पहुंच के लिए शुरुआत में बांग्ला, तमिल एवं मराठी भाषाओं का चयन किया गया है.” उन्होंने ये बातें “साइंस कम्युनिकेशन, पोपुलराइजिंग एंड आउटरीच इन बंगाली - द रोड अहैड’ पर रखी गई संगोष्ठी में कही. 



नाथ ने कहा, “हमने पश्चिम बंगाल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने का काम कर रहे करीब 36 संस्थानों (निजी एवं सरकारी) से बात की.” 


विज्ञान प्रसार ने सभी संगठनों को साथ लाकर एक साझा पारिस्थितिक तंत्र बनाने के क्रम में सामान्य मंच बनने का और इन मंचों के जरिए पहले से हो रहे संचार तथा सूचना के बेहतर प्रसार के लिए इन्हें कारगर बनाने का निर्णय किया है.