क्या चांद का तूफान यही है.. जिसका पता चंद्रयान-3 के इल्सा ने लगाया, आखिर वैज्ञानिक क्यों हैरान?
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क्या चांद का तूफान यही है.. जिसका पता चंद्रयान-3 के इल्सा ने लगाया, आखिर वैज्ञानिक क्यों हैरान?

Moon News: यह संयोग ही है कि चंद्रयान-3 के इल्सा उपकरण ने चांद पर अजीब हलचल के बारे में अपडेट दिया तो वैज्ञानिक बिरादरी उत्सुक हो गई. क्या इस घटना का कोई भी संबंध चांद पर हुई उस घटना से है जो पिछले दिनों नासा के एक यान ने 'चांद का तूफान' बताते हुए रिकॉर्ड की थी.

क्या चांद का तूफान यही है.. जिसका पता चंद्रयान-3 के इल्सा ने लगाया, आखिर वैज्ञानिक क्यों हैरान?

Timelapse On Moon: चांद को लेकर वैज्ञानिकों में लगातार उत्सुकता बनी रहती है. इसी कड़ी में पिछले दिनों चंद्रयान-3 की ऐसी गतिविधि के बारे में चर्चा है जो वहां भूकंप के बारे में कुछ संकेत दे रहे हैं. वहां से जो आंकड़े मिले हैं, उसी के आधार पर वैज्ञानिकों ने काम करना शुरू किया तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. पता चला चांद की सतह पर मौजूद पदार्थों में भूकंपीय गतिविधि इसीलिए हो सकती है क्योंकि इतिहास में वहां उल्कापिंडों के प्रभाव दिखे हैं. इन सबके बीच वैज्ञानिकों का एक तबका ये कयास लगा रहा है कि क्या इसका कोई भी संबंध चांद पर आने वाले तूफानों से भी है?

दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध?

असल में अभी कुछ ही समय पहले नासा के एक वैज्ञानिक यान ने चांद पर तूफान का पता लगाया है. इन सबके बीच अब चंद्रयान-3 के की तरफ से ये अपडेट सामने आया है. इसका पारा चंद्रयान-3 पर लगे इल्सा नामक यंत्र ने लगाया है. हालांकि ये तय नहीं है कि दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध है या नहीं. लेकिन ये जरूर जान लेना चाहिए कि आखिर वो घटना क्या थी जिसे नासा के एक यान ने पिछले महीने बताया था. 

कैसे हुई थी अद्भुत घटना?

हुआ यह था कि तरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद नासा के एक वैज्ञानिक ने पुष्टि की थी कि चंद्रमा को ऑरोरा के रंगीन बैकग्राउंड के सामने अस्त होते हुए देखा जा सकता है. इसका एक वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ था. यह एक तरह का टाइमलैप्स वीडियो था जो सौर हवाओं और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के बीच होने वाले रिएक्शन से रिलेटेड है. नासा के अंतरिक्ष यात्री मैथ्यू डोमिनिक ने इस वीडियो को कैप्चर किया था.

चांद का तूफान कहा गया था

इस टाइमलैप्स वीडियो में ऑरोरा बोरेलिस की घटना कैद हुई थी. सौर हवाओं और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के बीच होने वाली घटना होती है. इसे कुछ वैज्ञानिकों ने चांद का तूफान भी कह दिया था. आखिर क्या थी वो घटना जिसे चांद का तूफान कहा गया था. सूरज से लगातार चार्ज पार्टिकल्स निकलते रहते हैं, जिन्हें सौर हवाएं कहते हैं. जब ये पार्टिकल्स पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में आते हैं, तो वे धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं. वायुमंडल में मौजूद गैसों जैसे ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के साथ इन पार्टिकल्स की प्रतिक्रिया होती है. 

इस प्रतिक्रिया के दौरान ऊर्जा निकलती है, जिससे आसमान में रंगीन रोशनी दिखाई देती है. ऑरोरा के रंग उस गैस पर निर्भर करते हैं जिसके साथ सौर पार्टिकल्स प्रतिक्रिया कर रहे हैं. मजे की बात यह है कि चंद्रमा को इसी ऑरोरा के रंगीन बैकग्राउंड के सामने अस्त होते हुए देखा जाता है. शायद इसीलिए इसे चांद का तूफान कहते हैं. लेकिन ये तय नहीं है कि इस घटना का कोई भी संबंध इल्सा वाली खोज से है.

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