चांद का जो हिस्सा हमें दिखता नहीं, वहां भी अरबों साल पहले ज्वालामुखी फटते थे; पहली बार लाए नमूनों से खुलासा
Moon Volcanic Activity History: चंद्रमा के नजदीकी भाग पर ज्वालामुखीय गतिविधि के बारे में तो हमें अच्छे से पता है. यह पहली बार है जब वैज्ञानिकों को चांद के अंधकार वाले हिस्से पर ज्वालामुखियों के बारे में पता चला है.
Science News in Hindi: चंद्रमा का आधा हिस्सा हमेशा कभी नजर नहीं आता. वहां की भौगोलिक स्थितियां भी बाकी हिस्से से काफी अलग हैं. वैज्ञानिकों ने पहली बार उस क्षेत्र में प्राचीन ज्वालामुखी गतिविधि का पता लगाया है. चीन का Chang’e-6 मिशन चंद्रमा के इस हिस्से से नमूने लेकर धरती पर लौटा था. अब अमेरिकी और चीनी रिसर्चर्स ने सैंपल एनालाइज करके अरबों साल पहले, चंद्रमा के इस क्षेत्र में ज्वालामुखी विस्फोटों का पता लगाया है.
वैज्ञानिकों को उन नमूनों में ज्वालामुखीय बेसाल्ट के टुकड़े मिले हैं जो 4.2 अरब साल से भी अधिक पुराने हैं. शुक्रवार को 'नेचर' पत्रिका में छपी रिसर्च चंद्रमा के ज्वालामुखीय इतिहास पर नई रोशनी डालती है. हमें चांद के नजदीकी हिस्से के बारे में बहुत कुछ पता है, लेकिन दूर वाले भाग के बारे में ज्यादा मालूम नहीं.
चंद्रमा से जुड़ी ऐतिहासिक खोज
इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी एंड जियोफिजिक्स में प्रोफेसर किउली ली ने पीयर-रिव्यू में लिखा, 'यह एक अविश्वसनीय रूप से रोमांचक अध्ययन है. यह चंद्र और ग्रह विज्ञान समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा.' Chang’e-6 के जरिए पहली बार चंद्रमा के दूर वाले भाग से नमूने धरती पर लाए गए थे. करीब दो महीने तक चले इस मिशन में एक छोटा रोवर भी शामिल था जिसने चट्टानी सतह की तस्वीरें लीं.
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चंद्रमा के दूरे वाले हिस्से की पहली तस्वीर 1959 में सोवियत स्पेसक्राफ्ट Luna 3 ने ली थी. तब से कई देशों के अंतरिक्ष यानों ने इस क्षेत्र की हाई क्वालिटी तस्वीरें और वीडियो लिए हैं. पिछले साल भारत का चंद्रयान-3 भी चंद्रमा के इसी भाग में सफलतापूर्वक उतरा था और ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था.