International Research Station on Moon: अमेरिका और चीन की राइवलरी आज की नहीं है, हर फिल्ड में दोनों एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे रहते हैं फिर चाहे वो रिसर्च हो, टेक्नोलॉजी हो या किसी और चीज का प्रोडक्शन. दोनों देशों के बीच तगड़ा कॉम्पेटिशन लगा रहता है. हाल ही में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा Artemis I Mission के लॉन्च में लगा हुआ था लेकिन दोबार फ्यूल लीक के चलते इसे आगे के लिए टाला जा चुका है. इसी बीच से खबर आ रही है कि चीन भी अपना मून मिशन शुरू करने जा रहा है. चीन के इस मून मिशन का नाम है, Chang’e. आइए जानते हैं कि चीन Chang’e Lunar  Programme में और क्या-क्या जरूरी बातें हैं और ये किस तरह से अमेरिका के Artemis I से अलग है. 


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क्या-क्या होना है?


चीन के एक टीवी चैनल CCTV के हवाले से एक खबर आई है कि चीन के नेशनल स्‍पेस एडमिनिस्‍ट्रेशन (China National Space Administration) को चीन लुनार एक्सप्लोरेसन प्रोग्राम (Chinese Lunar Exploration Program-Chang’e) के तहत चंद्रमा पर तीन ऑर्बिटर्स को भेजने की मंजूरी मिल चुकी है. CCTV के अनुसार चीन लूनार एक्सप्लोरेशन एंड स्पेस प्रोग्राम सेंटर (Lunar Exploration And Space Programme Centre) के अधिकारी लियू जिझोंग ने बताया है कि आने वाले दिनों में  चीन चांद पर एक इंटरनेशनल रिसर्च स्‍टेशन (International Research Station) बनाएगा और इस मिशन के तहत आने वाले 10 सालों में चांद पर तीन मून मिशन भेजेगा.


स्पेस के दुनिया में अमेरिका को बड़ी चुनौती


चीन जमीन के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहता है. हाल ही में चीन ने चांद पर एक नए पदार्थ की खोज की थी. एकबार अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया था कि उसने नासा से स्पेस टेक्‍नॉलजी चुराने का काम किया है. आपको बता दें कि चीन ने साल 2004 में लूनार एक्‍स्‍प्‍लोरेशन प्रोग्राम को शुरू किया था और जिस प्रोजेक्ट पर अब वो काम करने जा रहा है वो इसकी 7 वीं सीरीज है.


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