भारतीय लोकतंत्र में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जो आजाद भारत के इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं. इनमें से कई फैसले इंदिरा गांधी के शासनकाल में लिए गए. इन फैसलों में राजाओं के प्रिवीपर्स खत्म करना, बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना, बांग्लादेश का निर्माण, शेख अब्दुल्ला को राजनीति में वापस लाना, पाकिस्तान के साथ शिमला समझौता होना, भारत का पहले परमाणु परीक्षण होना और सिक्किम का भारत में विलय होना जैसे फैसले शामिल हैं.


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इन फैसलों के बारे में अब कम चर्चा होती है और इंदिरा गांधी के लिए इन फैसलों का होमवर्क करने वाला व्यक्ति तो लगभग भुला दिया गया है. यह व्यक्ति थे- प्रशासनिक अधिकारी पीएन हक्सर. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पीएम हक्सर के आधिकारिक कागजात, मेमोज, नोट्स और पत्रों के जरिए हक्सर की जीवनी तैयार की है.


‘इंटरट्वाइंड लाइव्स: पी एन हक्सर एंड इंदिरा गांधी’ नाम की इस किताब में हक्सर के जीवन के वे ब्योरे मिलते हैं कि वे किस तरह 1930 में लंदन में इंदिरा गांधी के साथ पढ़ते थे. किस तरह इंदिरा गांधी ने 1967 में हक्सर को उनके राजनयिक कैरियर से हटाकर प्रधानमंत्री कार्यालय में सचिव बनाया. इसके बाद हक्सर उन सब बड़े फैसलों के पीछे रहे जिनका जिक्र ऊपर किया गया है और कैसे इन फैसलों ने इंदिरा गांधी को भारतीय इतिहास की आयरन लेडी बना दिया.


किताब में उस वक्त का भी जिक्र आता है जब जनवरी 1973 में हक्सर इंदिरा से अलग हो गए, लेकिन जल्द ही इंदिरा उन्हें वापस अपने साथ ले आईं. उन्हें जल्द ही योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया. किताब में तफ्सील से बताया गया है कि कैसे मार्क्सवादी से डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट बने इस राजनयिक ने भारत की आर्थिक और विदेश नीतियों पर अपना असर डाला.


रमेश बताते हैं कि बाद में 1977 में हक्सर ने किस तरह खुद को हमेशा के लिए सरकार से अलग कर लिया और 1998 में अपनी मृत्यु तक देश के सेक्युलर मिजाज को मजबूत करने के कामों में लगे रहे. यह किताब भारत की आधुनिक कूटनीति, विदेश नीति और अर्थ नीति को समझने में खासी महत्वपूर्ण साबित होगी.


किताब: इंटरट्वाइंड लाइव्स: पी एन हक्सर एंड इंदिरा गांधी
लेखक: जयराम रमेश
प्रकाशक: सिमन एंड सस्टर इंडिया
प्रकाशन: जून 2018
मूल्य: 799 रुपये