नई दिल्ली: जानेमाने अमेरिकी उद्योगपति और सोशल मीडिया गुरू गैरी वायनेरचुक ने तीन साल पहले कहा था कि अगर ट्विटर ने 'शोर-शराबे' की समस्या का समाधान नहीं किया, तो वो खत्म हो जाएगा. दूसरी ओर इंस्टाग्राम की बात करें, तो वो अधिक दोस्ताना है. यही वजह है कि इंस्टाग्राम का यूजरबेस तेजी से बढ़ रहा है. अजीब बात ये है कि एक ही व्यक्ति का बर्ताव ट्विटर से इंस्टाग्राम पर आते ही बदल जाता है. यहां तक की ट्विटर पर आगबबूला रहने वाले सेलिब्रिटी भी इंस्टाग्राम पर आते ही सौम्यता और प्यार की मूरत बन जाते हैं.


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ट्विटर बनाम इंस्टाग्राम



 


हम ऐसे ही कुछ सेलिब्रिटी पॉलिटिशियन के ट्विटर और इंस्टाग्राम एकाउंट पर नजर डालेंगे, लेकिन पहले जरा इन दोनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अंतर को समझ लीजिए. ट्विटर इंटरनेट की कॉकटेल पार्टी है. दुनिया में कहीं भी कुछ होता है, वो आपको ट्विटर पर मिलेगा. किसी भी ब्रेकिंग न्यूज और लाइव अपडेट के लिए हम ट्विटर पर जाते हैं, न कि इंस्टाग्राम पर. दूसरी ओर इंस्टाग्राम यूजर इंग्जेमेंट के लिहाज से सबसे आगे है. यानी ये आपको एक अलग दुनिया में ले जाता है, जहां आप बाकी सब भूल जाते हैं.


दोनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म में सेलिब्रिटी के बर्ताव की बात करें तो इसमें कई राजनेता जो ट्विटर पर काफी आक्रामक रहते हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर आते ही उनका रुख नरम हो जाता है. इनमें शशि थरूर, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे कई नाम शामिल हैं.


राजनेताओं का बदलता अंदाज 
सबसे पहले बात करते हैं भारतीय राजनीति के फायरब्रांड एक्टिविस्ट से पॉलिटिशियन बने अरविंद केजरीवाल की. ट्विटर पर प्रधानमंत्री को 'मनोरोगी' कहने के साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने और हाल में आईएएस एसोसिएशन को पीएम मोदी द्वारा इस्तेमाल करने का आरोप हो, अरविंद केजरीवाल ट्विटर पर हमेशा आक्रामक और तीखे नजर आते हैं.


 



 



 


हाल में उन्होंने डोर स्टेप डिलीवरी को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा. हरियाणा सरकार द्वारा बिजली के बिल कम करने पर भी वो नहीं चूके और उन्होंने बिजली को लेकर खट्टर सरकार की नाकामी का मुद्दा उठा दिया.


 



 



 


इसके विपरीत केजरीवाल इंस्टाग्राम पर बहुत सौम्य नजर आते हैं. उन्होंने इंस्टाग्राम पर उपरोक्त डोर स्टेप डिलीवरी वाला कार्टून पोस्ट नहीं किया, और न ही खट्टर सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. इसके विपरीत इस दौरान यहां वो डोर स्टेप डिलीवरी के उद्घाटन के दौरान लोगों से मिलते हुए, दलाई लामा का प्यार पाते हुए और अपनी पत्नी के साथ बैठे नजर आए.


 



 



 


शशि थरूर की अक्सर बीजेपी नेताओं और ट्रोल्स के साथ ट्विटर पर नोकझोंक होती रहती है. हाल में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नार्थ-ईस्ट में पहने जाने वाली टोपी का मजाक उड़ाया, तो केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने उन्हें ट्वीट पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि शशि थरूर ने नार्थ-ईस्ट के लोगों की सांस्कृतिक विरासत का अपमान किया है. इसके जवाब में थरूर ने कहा कि वो मुद्दे से बचने की कोशिश कर रहे हैं. आखिर पीएम एक खास तरह की टोपी से परहेज क्यों करते हैं.


 



 



 


अब अगर थरूर के इंस्टाग्राम पेज पर नजर डालें तो अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए, शादियों में शामिल होते हुए और लोगों से मिलते-जुलते नजर आते हैं. ऐसा कोई उदाहरण याद नहीं आता जब ट्विटर पर उनकी बहस हुई हो.


 



 



जबकि इसी दौरान वो इंस्टाग्राम पर किसी को लेकर राजनीतिक हमले नहीं करते. वहां वो अपनी राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ी फोटो पोस्ट करते हैं, लेकिन विपक्षियों पर कोई कमेंट नहीं है. फेसबुक के मुकाबले पारिवारिक आयोजनों के चित्र इंस्टाग्राम पर अधिक हैं.



 



 


मथुरा में हिंसा की घटना के बाद हेमा मालिनी ने फिल्म की शूटिंग की फोटो ट्विटर पर पोस्ट की. इसके बाद उन्हें जमकर ट्रोल किया गया. बाद में उन्हें पोस्ट डिलीट करनी पड़ी. इंस्टाग्राम पर इस तरह ट्रोल किए जाने के मामले ट्विटर के मुकाबले बहुत कम सुनने को मिलते हैं.