22 साल की बॉक्सर निकहत ने विदेशी धरती पर जीता गोल्ड, पुलवामा के शहीदों को समर्पित किया
भारतीय मुक्केबाजों ने इस टूर्नामेंट में कुल सात मेडल अपने नाम किए हैं जिनमें तीन गोल्ड, एक सिल्वर, और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
नई दिल्ली: एशियाई खेलों के गोल्ड मेडल विजेता पुरुष मुक्केबाज अमित पंघल के अलावा महिला मुक्केबाज निकहत जरीन और मेइसनाम मीना कुमारी ने बुल्गारिया के सोफिया में 70वें स्ट्रांजा मेमोरियल मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किए. इन तीनों मुक्केबाजों ने अपने गोल्ड मेडल 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों को समर्पित किए हैं. भारतीय मुक्केबाजों ने इस टूर्नामेंट में कुल सात मेडल अपने नाम किए हैं जिनमें तीन गोल्ड, एक सिल्वर, और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
भारत ने बीते साल यूरोप के इस सबसे पुराने एमेच्योर मुक्केबाजी टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. भारत ने पिछले साल इस टूर्नामेंट में कुल 11 मेडल अपने नाम किए थे जिनमें से दो गोल्ड मेडल थे और छह मेडल महिलाओं ने जीते थे. इस साल भी भारतीय महिलाएं छह मेडल जीतने में सफल रही हैं.
भारत के पहले पुरुष खिलाड़ी
एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले अमित पंघल (49 किलोग्राम भारवर्ग) इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले पुरुष खिलाड़ी हैं. महिलाओं में पूर्व वर्ल्ड जूनियर चैम्पियन निकहत जरीन (51 किलोग्राम) और मेइसनाम मीना कुमारी देवी (54 किलोग्राम) ने अपने-अपने मुकाबले जीत गोल्ड मेडल हासिल किया. पदार्पण करने वाली मंजू रानी को 48 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा.
अमित मुकाबले के शुरू से ही अपने विपक्षी कजाकिस्तान के टेमिराट्स झुसुपोव पर हावी रहे. उन्हें मुकाबला 5-0 से अपने नाम करने में किसी तरह की परेशानी नहीं आई. अमित का यह इस टूर्नामेंट में लगातार दूसरा गोल्ड मेडल है.
निकहत की एकतरफा जीत
22 साल की निकहत जरीन ने फाइनल मुकाबले में फिलिपींस की मैग्नो आयरिश को मात दी. निकहत ने एकतरफा जीत हासिल की. दो बार की राष्ट्रीय विजेता ने कभी भी अपनी विपक्षी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और 5-0 से जीत हासिल की.
मीना को गोल्ड
नागालैंड की मीना कुमारी ने भारत को दूसरा गोल्ड दिलाया. हालांकि मीना को गोल्ड के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने फिलिपींस की एइरा विलेजेस को 54 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में कड़े मुकाबले में 3-2 से पटखनी दी.
जवानों को समर्पित
इन तीनों मुक्केबाजों ने अपने गोल्ड मेडल बीती 14 फरवरी को पुलवामा में आंतकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को समर्पित किए हैं.
भारत को हालांकि 48 किलोग्राम भारवर्ग में निराशा हाथ लगी क्योंकि पूर्व विश्व चैम्पियन फिलिपींस की जोसी गबुको ने भारत की मंजू रानी को 4-0 से परास्त कर उन्हें सिल्वर मेडल तक ही रोक दिया. गाबुको का अनुभव युवा मंजू के लिए भारी पड़ा. मंजू को 4-1 से हार मिली थी लेकिन रैफरी द्वारा बाउट खत्म होने के बाद भी पंच मारने के कारण उन्हें चेतावनी मिली और वह एक अंक गंवा बैठीं.
शानदार प्रदर्शन
साल के पहले यूरोपियन मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारतीय महिलाओं द्वारा किया गया यह प्रदर्शन शानदार है. इससे पहले भारतीय महिलाओं ने तीन ब्रॉन्ज मेडल भी हासिल किए. भारत की नीरज (60 किलोग्राम भारवर्ग), लवलिना बोरगोहेन (69 किलोग्राम भारवर्ग) और पवलियाओ बासुमात्री (64 किलोग्राम भारवर्ग) को सेमीफाइनल में हार के साथ ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा था. इस तरह भारतीय महिलाओं ने इस टूर्नामेंट में कुल छह मेडल अपने नाम किए.
(इनपुट-आईएएनएस)