नई दिल्ली : 2007 में जब वनडे के विश्वकप में वेस्ट इंडीज का प्रदर्शन बहुत बुरा रहा, उसके बाद टीम की बहुत आलोचना हुई. उसी समय टी20 वर्ल्ड कप का समय आ गया. सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने टी20 का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया. ऐसे में टीम की जिम्मेदारी महेंद्र सिंह धोनी को दी गई. उनके  नेतृत्व में टीम इंडिया ने टी20 का वर्ल्डकप जीता. इसी टीम से एक और खास शख्स जुड़ा था. इस शख्स का नाम था लालचंद्र राजपूत.


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राजपूत को टीम का मैनेजर बनाया गया था. टीम ने जब वर्ल्डकप जीता तो उसमें लालचंद्र राजपूत का भी योगदान था. वह टीम के मैनेजर थे और किसी को उम्मीद नहीं थी कि उनकी ये टीम विश्व विजेता बनकर लौटेगी.


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18 दिसंबर 1961 को मुंबई में जन्मे लालचंद राजपूत का अंतरराष्ट्रीय करियर तो बहुत छोटा रहा. उन्होंने 2 टेस्ट और 4 वनडे मैच खेले. इसमें वनडे मैचों में तो वह सिर्फ 9 रन बना पाए.


सुनील गावस्कर के विकल्प के तौर पर आए थे राजपूत
लालचंद राजपूत का अंतरराष्ट्रीय करियर भले बहुत कामयाब न रहा हो, लेकिन प्रथम श्रेणी मैचों में वह जमकर कामयाब रहे. उन्होंने 110 प्रथम श्रेणी मैचों में 7988 रन बनाए. इसमें 20 शतक 46 अर्धशतक शामिल थे. 80 के मध्य में जब सुनील गावस्कर ने ये इशारा किया कि वह अब मध्यक्रम में बल्लेबाजी करना चाहते हैं तो सलामी बल्लेबाज के तौर पर लाल चंद राजपूत का चयन किया गया. उन्हें 1985 में श्रीलंका दौरे में शामिल किया गया.


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उस दौरे में उन्होंने पहले ही मैच में 32 और 61 रनों की पारी खेली. दूसरी पारी में तो उन्होंने दिलीप बेंगसरकर के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 76 रन जोड़े.  लेकिन दूसरे मैच में वह पहली पारी में 0 और दूसरी पारी में 12 रन पर आउट हो गए. इसके बाद उनके स्थान पर रवि शास्त्री को शामिल कर लिया गया. और इस तरह से 2 टेस्ट मैच में ही उनका अंतरराष्ट्रीय करियर समाप्त हो गया. लाल चंद राजपूत बाद में मुंबई इंडियंस के कोच भी बने.


सचिन के पहले कप्तान रह चुके हैं राजपूत
सचिन तेंदुलकर ने जब प्रथम श्रेणी मैचों में डेब्यु किया तो उनके पहले कप्तान होने का गौरव लालचंद राजपूत को ही जाता है. 1988 में 15 साल की उम्र में सचिन ने जब पहली बार रणजी ट्रॉफी मैच में डेब्यु किया तो बॉम्बे टीम की के कप्तान लालचंद राजपूत थे. गुजरात के साथ पहले मैच में ही सचिन ने शानदार शतक जमाया और लालचंद राजपूत 99 रनों पर आउट हुए.


अफगानिस्तान के कोच रह चुके हैं
लाल चंद राजपूत भले बल्ले से अपना जौहर न दिखा पाए हों, लेकिन पर्दे के पीछे उनकी उपलब्धियां कम नहीं हैं. वह मुंबई इंडियंस के कोच रह चुके हैं. इसके अलावा जून 2016 में उन्हें अफगानिस्तान टीम का हैड कोच बनाया गया. उनके समय ही अफगानिस्तान की टीम को टेस्ट टीम का दर्जा मिला. उनके कोच रहते ही अफगानिस्तान ने वेस्ट इंडीज जैसी टीम को एक मैच में हराने का कारनामा किया.