Derek Underwood death: दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर डेरेक अंडरवुड का सोमवार को निधन हो गया. वह 78 वर्ष के थे. भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर को अपनी गेंदबाजी से परेशान करने वाले अंडरवुड को 60 और 70 के दशक की पिचों पर खेलना खतरनाक था. गेंदों में बेहद सटीकता से अपने कंटेम्पररी गेंदबाजों में काफी लोकप्रिय अंडरवुड ने 86 टेस्ट में 297 विकेट झटके जो इंग्लैंड के किसी भी स्पिनर के सर्वाधिक विकेट हैं. डेरेक अंडरवुड के फर्स्ट क्लास (2465) , लिस्ट-ए (572), टेस्ट (297) और वनडे (32) मैचों में लिए गए विकेटों को जोड़ें तो 3000 से ज्यादा बल्लेबाजों को उन्होंने अपना शिकार बनाया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारत को खूब किया परेशान 


अंडरवुड ने 24 साल के अपने फर्स्ट क्लास करियर में 2465 विकेट झटके. उन्होंने 1977 में भारत के खिलाफ पांच मैच की सीरीज में 29 विकेट हासिल किये, जिससे इंग्लैंड ने यह सीरीज 3-1 से अपने नाम की थी. यह इंग्लैंड की 1933-34 दौरे के बाद पहली जीत थी. अंडरवुड ने गावस्कर को टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 12 बार आउट किया. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान और वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने ‘लिटिल मास्टर’ को क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में 11-11 बार आउट किया है. 


हाल ही में गावस्कर ने दिया था बयान 


गावस्कर ने भी हाल में जिक्र किया था, 'किसी भी हालात में अंडरवुड का सामना करना बहुत मुश्किल था. वह इतनी सटीक गेंदबाजी करते थे और स्टंप पर ही गेंद डालते थे.' इस पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज ने आगे कहा, 'वह जब चाहते थे तो तेजी से गेंद डाल देते थे जिससे आपको अपना शॉट खेलने के लिए बहुत पहले ही पॉजिशन में होना पड़ता था. मैंने जिन गेंदबाजों का सामना किया है, उनमें वह और एंडी रॉबर्ट्स सबसे कठिन गेंदबाज थे.'


इंग्लैंड क्रिकेट ने दी श्रद्धांजलि


इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए डेरेक अंडरवुड को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा, 'डेरेक अंडरवुड को इस देश के अब तक के सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाजों में से एक के रूप में याद किया जाएगा." एक और पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'हमारे महानतम स्पिनरों में से एक और खेल के सच्चे दिग्गज. रेस्ट इन पीस, डेरेक.'




25 की उम्र में पूरे किए 100 टेस्ट विकेट


अंडरवुड ऐसे खिलाड़ी नहीं थे, जिन्हें अपनी कला सीखनी पड़ी और बाद में अपने करियर में महानता के लिए इंतजार करना पड़ा. वह केवल 25 साल के थे जब उन्होंने अपना 100वां टेस्ट विकेट और 1000वां फर्स्ट क्लास विकेट हासिल किया. वहीं, छह बार उन्होंने टेस्ट मैच में 10 विकेट हॉल भी नाम किया. जून 1966 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले इस दिग्गज ने जल्दी ही खुद को महानतम गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल कर लिया. 1968 में हुए पांचवें एशेज टेस्ट की 27 गेंदों में उन्होंने आखिरी चार ऑस्ट्रेलियाई विकेट लिए.1969 में उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर नामित किया गया और दुनिया के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज बने.