Umpire's Call Controversy: पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे वर्ल्ड कप (ODI World cup 2023) का मैच रोमांच से भरा रहा. चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में शुक्रवार 27 अक्टूबर को दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने अच्छा खेल दिखाया लेकिन जीत आखिरकार साउथ अफ्रीका के खाते में जुड़ी. इस जीत से साउथ अफ्रीकी टीम 10 अंक जोड़ते हुए टॉप पर पहुंच गई. उसका नेट रनरेट फिलहाल भारत से भी बेहतर है. हालांकि पाकिस्तान की डगर मुश्किल में पड़ गई. अब उसकी सेमीफाइनल की रेस भी अगर-मगर के फेर में फंस गई है. इसी मैच में अंपायर के निर्णय को लेकर विवाद हो गया.


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शम्सी को मिला जीवनदान!


साउथ अफ्रीका के सामने पाकिस्तान ने 271 रनों का लक्ष्य रखा. ऐडन मार्कराम (91) ने टीम को काफी मजबूती दी लेकिन साउथ अफ्रीका ने अपने 5 विकेट महज 55 रन जोड़कर गंवा दिए. उसका 5वां विकेट 206 के स्कोर पर गिरा और 9वां 260. ऐसे में टीम दबाव में आ गई. इसी बीत तबरेज शम्सी (Tabraiz Shamsi) जब क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए आए तो टीम को जीत के लिए 12 रन की जरूरत थी और सिर्फ एक विकेट बचा था. पेसर हारिस रऊफ की शम्सी के खिलाफ lbw अपील को मैदानी अंपायर ने नकार दिया. पाकिस्तान की टीम ने रिव्यू लिया लेकिन ‘अंपायर्स कॉल’ के कारण शम्सी क्रीज पर बने रहे. बाद में केशव महाराज ने विजयी चौका लगाते हुए साउथ अफ्रीका को बेहद रोमांचक जीत दिलाई. इसी पर विवाद हो गया. 


हरभजन भी भड़के


भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह भी अंपायरिंग पर भड़क उठे. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'खराब अंपायरिंग और खराब नियमों के कारण पाकिस्तान को यह मैच गंवाना पड़ा. आईसीसी को इस नियम को बदलना चाहिए. अगर गेंद स्टंप पर लग रही है तो आउट है, अंपायर ने आउट दिया या नॉट आउट, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता अन्यथा तकनीक का क्या फायदा?' हरभजन हालांकि इसी मैच में रासी वैन डेर डुसेन का विकेट देखना भूल गए. रासी को अंपायर्स कॉल की वजह से अपना विकेट गंवाना पड़ा. इसके अलावा और भी कई सोशल मीडिया यूजर्स ने अंपायरिंग को लेकर अपनी बात रखी.


आखिर अंपायर्स-कॉल है क्या?


ये तो सभी जानते हैं कि जब मैदानी अंपायर के फैसले से खिलाड़ी सहमत नहीं होते तो फिर डीआरएस यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम को अपनाया जाता है. इसके लिए मैदानी अंपायर हाथ से इशारा करते हैं और फैसला देने के लिए थर्ड अंपायर के पास जाते हैं. इसी डीआरएस का हिस्सा होता है- अंपायर्स कॉल. अगर गेंदबाजी पक्ष है तो वो कैच, एलबीडब्ल्यू या रन आउट के लिए भी थर्ड अंपायर की मदद ले सकता है. अब बात एलबीडब्ल्यू के संदर्भ में क्योंकि अंपायर्स कॉल मुख्यत: उसी में होता है. वीडियो रीप्ले देखने के बाद थर्ड अंपायर किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश करते हैं. तब बॉल ट्रैकिंग यानी गेंद का एंगल, उसकी पिच (जहां गेंद पड़ी) चेक किया जाता है. 


नियम क्या है?


आईसीसी की ओर से बनाए मौजूदा नियमों के अनुसार, अगर मैदानी अंपायर के नॉट आउट कॉल को चुनौती दी गई है, तो डीआरएस पर बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू आउट देने के लिए गेंद का 50 फीसदी हिस्सा 3 में से किसी एक स्टंप को जरूर टकराना चाहिए. गेंद और स्टंप के बीच संपर्क होने का फासला अगर बहुत छोटा या उसमें किसी तरह की शंका हो तो थर्ड अंपायर इसे अंपायर्स कॉल करार देता है. ऐसे में मैदानी अंपायर जो फैसला दे चुके होते हैं, उसे ही बरकरार रखते हैं.  पाकिस्तान-साउथ अफ्रीका मैच में भी तबरेज शम्सी के मामले में ऐसा ही हुआ. हारिस रऊफ की गेंद उनके पैड से टकराई जिसके बाद बाबर ने मैदानी अंपायर के नॉट आउट के फैसले को बदलने के लिए डीआरएस का सहारा लिया. बॉल ट्रैकिंग में ये दिखा कि गेंद लेग स्टम्प को हिट कर रही थी, जिस हिसाब से शम्सी आउट थे लेकिन अंपायर्स कॉल होने के कारण शम्सी नॉट आउट करार दिए गए. 


आउट है तो है...


अब बहुत से लोग, जिनमें दिग्गज क्रिकेटर्स भी शामिल, ये मानते हैं कि जब बल्लेबाज आउट है तो फिर आउट ही दिया जाना चाहिए. उनका मानना है कि अगर गेंद विकेट को टकरा रही है तो फिर उसका 50 प्रतिशत हिस्सा या कम क्यों देखा जाए. हालांकि इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन कहते हैं कि अगर 50 प्रतिशत हिस्से वाला नियम हटा दिया जाएगा तो टेस्ट मैच 2 दिन में ही खत्म होने लगेंगे. गेंदबाजी पक्ष फिर बात-बात पर अपील करेंगे. मैदानी अंपायर असहमत हुए तो डीआरएस का सहारा लेंगे.