Geoffrey Boycott diagnosed with throat cancer: इंग्लैंड के महान क्रिकेट खिलाड़ी सर ज्योफ्री बॉयकॉट एक बार फिर कैंसर से पीड़ित हो गए हैं.  दिग्गज प्लेयर ने बताया कि उन्हें दूसरी बार गले के कैंसर का पता चला है. 83 वर्षीय बॉयकॉट का ऑपरेशन होगा.  20 साल बाद उनकी जिंदगी में एक बार फिर से कैंसर वापस आ गया. यॉर्कशायर और इंग्लैंड क्रिकेट के दिग्गज बॉयकॉट ने अपने 25 साल के करियर में शानदार 151 फर्स्ट क्लास शतक लगाए. उन्होंने इंग्लैंड के लिए 108 टेस्ट मैच खेले और 1982 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया.


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बॉयकॉट ने क्या बताया


बॉयकॉट ने कहा, ''पिछले कुछ हफ्तों में मेरा एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन, पीईटी स्कैन और दो बायोप्सी हो चुके हैं. इससे पता चला है कि मुझे गले का कैंसर है और ऑपरेशन की जरूरत है. पिछले अनुभव से मैं समझता हूं कि कैंसर को दूसरी बार हराने के लिए बेहतरीन इलाज और थोड़े बहुत भाग्य की जरूरत होगी. भले ही ऑपरेशन सफल हो जाए, हर कैंसर रोगी जानता है कि उसे इस बीमारी के वापस आने की संभावना के साथ जीना पड़ता है. इसलिए मैं बस अपना काम करता रहूंगा और बेहतरीन की उम्मीद करूंगा.''


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62 साल की उम्र में चला था कैंसर का पता


टेलीग्राफ के अनुसार, बॉयकॉट का ऑपरेशन दो हफ्ते बाद होने वाला है. उन्हें उम्मीद है कि रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से बचा जा सकेगा. उन्हें सबसे पहले 2002 में 62 साल की उम्र में कैंसर का पता चला था और तत्काल इलाज के बिना उन्हें सिर्फ तीन महीने जीने का समय दिया गया था. बॉयकॉट ने 35 कीमोथेरेपी सेशन करवाए. उनकी पत्नी राचेल और बेटी एम्मा की मदद से स्वस्थ होकर वापस आए.


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किताब में किया खुलासा


अपनी किताब 'द कॉरिडोर ऑफ सर्टेंटी' में बॉयकॉट ने लिखा, ''तीन महीने जीने का समय दिया जाना वाकई में चौंकाने वाला होता है. मैं कभी नहीं जान पाऊंगा कि मैं अभी भी जिंदा क्यों हूं. केवल एक चीज जो मुझे निश्चित रूप से पता है, वह यह है कि अगर मेरी पत्नी राचेल मेरे साथ न होतीं तो मैं बच नहीं पाता.''


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धैर्य और मजबूती के लिए मशहूर


क्रीज पर अपने धैर्य और मजबूती के लिए मशहूर बॉयकॉट इंग्लैंड के सबसे सफल ओपनर बल्लेबाजों में से एक बन गए. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद बॉयकॉट ने मीडिया में लंबा करियर बनाया. वह बीबीसी की टेस्ट मैच स्पेशल टीम का अहम हिस्सा रहे हैं. उन्होंने 14 साल बाद 2020 में इस भूमिका से भी संन्यास ले लिया था.