नई दिल्ली : बॉल टैंपरिंग मामले में पहले से ही उथल पुथल के दौर से गुजर रही क्रिकेट की दुनिया एक और मामला सामने आया है. जिंबाब्वे में घरेलू क्रिकेट अधिकारी राजन नायर को जिंबाब्वे क्रिकेट टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर को रिश्वत देने के मामले में 20 साल के लिए बैन कर दिया गया है. आईसीसी ने सख्त कदम उठाते हुए उन पर हर तरह की क्रिकेट एक्टिविटी पर रोक लगा दी है.


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ये मामला पिछले साल अक्टूबर में हुआ, जब हरारे मेट्रोपोलिटिन क्रिकेट एसोसिएशन के ट्रेजर और मार्केटिंग डायरेक्टर राजन नायर ने जिंबाब्वे क्रिकेट टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर को 30 हजार अमेरिकी डॉलर के रिश्वत की पेशकश की थी. क्रेमर ने इसके बाद इस घटना की जानकारी तुरंत आईसीसी को दी. आईसीसी ने उसी समय से मामले की जांच शुरू कर दी.


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राजन नायर के खिलाफ सारे आरोप सही पाए गए. इसके साथ ही उन्हें सभी पदों से बर्खास्त कर दिया गया है. उन पर बैन 16 जनवरी 2018 से मान्य होगा. आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट के जनरल मैनेजर ने कहा, मैं इसका स्वागत करता हूं. नायर पर लगाए गए प्रतिबंध की अवधि से उसके कृत्य की गंभीरता पता चलती है.


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मार्शल ने कहा, इस मामले में क्रेमर का भी धन्यवाद देना चाहेंगे कि उन्होंने समय पर हमे सूचित किया. जैसे ही राजन ने उन्हें रिश्वत की पेशकश की, उन्होंने इस मामले में तुरंत आईसीसी को सूचित किया. इस कारण हम इस पूरे मामले की अच्छी तरीके से जांच कर पाए. ग्रीम ने हर स्तर पर सहयोग किया.


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इस मामले पर क्रेमर ने कहा, मैं उनकी इस हरकत पर हैरान था. इस लेवल पर भी रिश्वत की ऐसी कोशिश हो सकती है. ये प्रस्ताव मिलने के बाद मेरे मन में कोई संदेह नहीं था. मैं जल्द से जल्द आईसीसी को इस बारे में रिपोर्ट करना चाहता था, जो मैंने किया.