नई दिल्ली: भारत के महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को टीम इंडिया का कोच बनने के लिए मनाने के 2 दिन बाद बीसीसीआई (BCCI) ने लोढा समिति (Lodha Committee) की सिफारिश वाले संविधान के मुताबिक 17 अक्टूबर को इस पोस्ट के अलावा 3 सपोर्ट स्टाफ के लिए अप्लाई करने के लिए विज्ञापन जारी किया.


हेड कोच बनने के लिए तैयार हैं द्रविड़


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ये बात पहले से ही तय है कि राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी (NCA) के मौजूदा प्रमुख राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) इस पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं जिसे सिर्फ कुछ चमत्कार होने के बाद ही बदला जा सकता है. द्रविड़ पहले ही आईपीएल फाइनल के मौके पर दुबई में बीसीसीआई के टॉप अधिकारियों से साथ चर्चा के बाद अनौपचारिक रूप से हामी भर चुके हैं.


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नियम के तहत विज्ञापन देना जरूरी


हालांकि बीसीसीआई को क्रिकेट सलाहकार समिति बनाने की जरूरत है और अगर संविधान के मुताबिक चला जाए तो उन्हें बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल को औपचारिक सिफारिश करनी होगी. सभी पदों के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 26 अक्टूबर है.


 




अगले 2 साल का होगा कार्यकाल


यही वजह है कि बीसीसीआई ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 तक 2 साल के कार्यकाल के लिए हेड कोच की पोस्ट के साथ बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग कोचों के लिए अभी विज्ञापन जारी किया है. रवि शास्त्री के साथ बॉलिंग कोच भरत अरूण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर का कार्यकाल भारत के टी20 वर्ल्ड कप मिशन खत्म होने पर पूरा हो जाएगा.


कौन बनेगा बैटिंग कोच?


बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ अगर अप्लाई हैं तो उनके कार्यकाल के बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि उनके पास 2019 से अब तक के अपने 2 साल के कार्यकाल के दौरान दिखाने के लिए कोई प्रदर्शन नहीं है. गेंदबाजी कोच की पोस्ट के लिए भारत-ए और अंडर-19 कोच पारस म्हाम्ब्रे को लाए जाने की उम्मीद है जो द्रविड़ के खास हैं.


हेड कोच की क्वालीफिकेशन क्या है?


हेड कोच की पोस्ट के लिए आवेदन करने वाले को 30 टेस्ट या 50 वनडे खेलने के साथ राष्ट्रीय टीम को 2 साल की कोचिंग देने या फिर आईपीएल की टीम को 3 साल की कोचिंग देने का तजुर्बा होना जरूरी है. वो 14 से 16 लोगों के सहयोगी स्टाफ की टीम को लीड करेंगे.
 




क्या होगी कोच की जिम्मेदारी?


विज्ञापन के मुताबिक, ‘कामयाब उम्मीदवार पर एक वर्ल्ड क्लास भारतीय क्रिकेट टीम तैयार करने की जिम्मेदारी होगी, जो सभी हालात और फॉर्मेट में लगातार सफलता हासिल करेगी और मौजूदा और फ्यूचर जेनेरेशन के क्रिकेटर्स और स्टेकहोल्डर्स को अपने खेल के प्रति नजरिए से प्रेरित करेगी.’


हेड कोच का काम आसान नहीं


हेड कोच भारतीय पुरूष टीम की समीक्षा और अनुशासनात्मक संहिता लागू और बरकरार रखने के जिम्मेदार होगा. साथ ही वह एनसीए प्रमुख के साथ मिलकर जब भी संभव हो, उन खिलाड़ियों के कौशल को निखारने के लिये योजना भी तैयार करेगा जो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं.


 




सपोर्ट स्टाफ भी चुने जाएंगे


अन्य सहयोगी स्टाफ के लिए 10 टेस्ट या 25 वनडे या आईपीएल या ए टीमों के साथ 3 साल तक काम करने का तजुर्बा जरूरी होगा. बीसीसीआई हाल में आशीष कौशिक के हटने के बाद एनसीए में ‘स्पोर्ट साइंस एवं मेडिसिन’ के प्रमुख पद के लिए भी उम्मीदवार तलाश रहा है.