नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल (Ian Chapell) चाहते हैं कि दुनिया के प्रमुख खिलाड़ी एकजुट टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को बचाने के लिए काम करें और भारत के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को उन्हें अपनी यूनिट का लीडर बनाना चाहिए. क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में शामिल चैपल का मानना है कि टेस्ट खेलने वाले देश सबसे लंबे फॉर्मेट के लिए अच्छे क्रिकेटरों को तब तक तैयार नहीं कर सकते जब तक उन्हें ताबड़तोड़ क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा.


कोहली पर चैपल का बड़ा बयान


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चैपल (Ian Chapell) ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ पर लिखा, ‘टेस्ट स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जरूरी कौशल कम उम्र में हासिल करने की आवश्यकता होती है और फिर बड़े लेवल पर इसमें सुधार किया जाता है. यह तभी हासिल किया जा सकता है जब टेस्ट खेलने वाले देशों में एक विकास प्रणाली हो.’अगर ऐसा होता रहा तो टेस्ट क्रिकेट जीवंत रह सकता है, नहीं तो यह पतन की ओर बढ़ेगा.’


कोहली को बनाया जाए लीडर- चैपल


ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान के मुताबिक इसके लिए खिलाड़ियों को कोहली कर अगुवाई में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘अगर उनके (टेस्ट के लिए जरूरी) कौशल को ठीक से निखारा जाता है तो एक खिलाड़ी किसी भी फॉर्मेट के खेल के अनुकूल हो सकता है. कोहली इसका एक अच्छा उदाहरण है. अगर खिलाड़ी वास्तव में मानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट शिखर है तो उन्हें खेल के भविष्य पर एक शिखर सम्मेलन के लिए बात करने की जरूरत है. इसके लिए कोहली को लीडर बनाने से बेहतर कुछ नहीं होगा.’


चैपल (Ian Chapell) ने कहा, ‘कई दशक से क्रिकेट में जिस प्रकार का चलन था उसमें खिलाड़ी स्कूल क्रिकेट से धीरे-धीरे कई स्तरों से होते हुए आगे बढ़कर इंटरनेशनल क्रिकेट तक पहुंचता था.’ उन्होंने कहा, ‘यह कहा जाता है कि खिलाड़ियों के खेलने में सुधार हुआ है. इस टिप्पणी को स्पष्ट करने की जरूरत है. अगर इसका संदर्भ बल्लेबाजों के अधिक शक्तिशाली हिटर होने से है, तो यह सच है. लेकिन क्या लंबे समय तक गेंदबाजी के कठिन स्पैल का सामना करने के लिए बल्लेबाजों के पास बेहतर तकनीक है?  ज्यादातर मामलों में इसका उत्तर नहीं है. इसे उसी तरह देखा जा सकता है जैसे फील्डिंग के स्तर में तो सुधार हुआ है लेकिन क्या स्लिप में कैच पकड़ने के मामले में सुधार हुआ है? इसका भी जवाब है नहीं.’