नई दिल्ली: टीम इंडिया (Team India) को हाल में ही न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (ICC World Test Championship Final) में करारी शिकस्त मिली है. अब एक और बड़ा चैलेंज विराट कोहली (Virat Kohli) की सेना का इंतजार कर रहा है.


पुरानी गलतियों से बचें विराट


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टीम इंडिया (Team India) इस वक्त इंग्लैंड के दौरे पर जहां उसे 3 हफ्ते का ब्रेक का ब्रेक मिला है. भारतीय खिलाड़ियों को 4 अगस्त से अंग्रेजों के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. इस सीरीज में विराट कोहली (Virat Kohli) को 3 पुरानी गलतियों से बचना होगा, नहीं तो मेजबान टीम 5-0 से क्लीन स्वीप कर देगी. 
 



1- सीनियर प्लेयर्स पर डिपेंडेंसी ठीक नहीं


टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर में कई सीनियर बल्लेबाज हैं, लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में इसका खास फायदा नहीं मिला. चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) से काफी उम्मीदें थी जो टूट गईं. पुजारा पिछले 2 साल से शतक नहीं बना पाए हैं. वहीं रहाणे ने आखिरी बार सेंचुरी मेलबर्न टेस्ट में लगाई थी. ऐसे में सीनियर प्लेयर्स पर जरूरत से ज्यादा डिपेंडेंसी टीम इंडिया को नुकसान पहुंचा सकती है. विराट प्लेइंग XI में केएल राहुल (KL Rahul) या मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) को फिर से मौका दे सकते हैं. 

 



2- मोहम्मद सिराज को बेंच पर न बिठाएं 


मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) ने ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान टेस्ट डेब्यू किया था और अपनी शानदार गेंदबाजी से हर किसी को हैरान कर दिया था. इंग्लैंड के खिलाफ भारत में हुई टेस्ट सीरीज में उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की. उम्मीद थी कि उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में मौका जरूर मिलेगा, लेकिन सीनियर गेंदबाज की मौजूदगी में ऐसा हो न सकता. सिराज ने महज 5 टेस्ट मैचों में 16 विकेट हासिल किए है. ऐसे में वो इंग्लिश मैदान में करिश्मा कर जाएं तो हैरानी की बात नहीं होगी.  ऐसे में सिराज को बेंच पर बिठाना घाटे का सौदा साबित हो सकता है.

 




3- प्लेइंग XI में न रखें 2 स्पिनर्स


आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (ICC WTC Final) में विराट कोहली (Virat Kohli) ने प्लेइंग XI में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को बतौर स्पिनर शामिल किया गया था. उम्मीद है कोहली अपनी इस गलती से सबक ले चुके होंगे, वो जडेजा की जगह फुल टाइम बल्लेबाज या फिर एक और तेज गेंदबाज को प्लेइंग XI में मौका देंगे, क्योंकि एक साथ 2 स्पिनर्स को रखने की जरूरत नहीं है.
 



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