नई दिल्ली: भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार के बाद दूसरे टेस्ट में वापसी करने को तैयार है. भारतीय टीम (Team India) जब 29 फरवरी को दूसरे टेस्ट मैच में उतरेगी तो वह उन खिलाड़ियों से प्रेरणा लेना चाहेगी, जिन्होंने पहले टेस्ट मैच में अच्छा या संतोषजनक प्रदर्शन किया था. इन्हीं क्रिकेटरों में से एक ऑफस्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) हैं. लेकिन अश्विन के खेल ने प्लेइंग इलेवन को लेकर भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और टीम प्रबंधन की चिंता घटाने की बजाय बढ़ा दी है. अश्विन ने पहले टेस्ट मैच में तीन विकेट झटके थे. 

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रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) वेलिंगटन टेस्ट में भारत के एकमात्र स्पिनर के तौर पर खेले थे. सब जानते हैं कि अश्विन अच्छी बैटिंग भी कर सकते हैं. वे टेस्ट क्रिकेट में चार शतक लगा चुके हैं. इसीलिए जब उन्हें टीम में चुना जाता है तो उनसे ठीक-ठाक रन बनाने की उम्मीद भी की जाती है. हालांकि, वे न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 0 और 4 रन बनाकर आउट हो गए थे. 

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भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच दूसरा टेस्ट मैच क्राइस्टचर्च (Christchurch Test) में 29 फरवरी से खेला जाना है. भारतीय टीम पहला टेस्ट मैच हारकर सीरीज में 0-1 से पिछड़ चुकी है. भारत को सीरीज बराबर करने के लिए दूसरा टेस्ट मैच जीतना जरूरी है. ऐसे में भारतीय टीम को बेहद सतर्कता से रणनीति बनानी होगी. इसमें टीम में संभावित बदलाव भी शामिल हैं. 

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भारतीय टीम दूसरे टेस्ट मैच में रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को टीम में शामिल कर सकती है. उन्हें रविचंद्रन अश्विन की जगह दी जा सकती है. लेकिन ऐसा करते वक्त टीम इंडिया थोड़ी उलझन में रह सकती है. इसकी वजह यह है कि अश्विन ने पहले टेस्ट मैच में बैटिंग भले ही खराब की हो, लेकिन उन्होंने गेंदबाजी अच्छी की थी. 

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अश्विन टेस्ट मैचों में अगस्त 2017 के बाद से एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके हैं. ऐसे में यह मानना सही नहीं होगा कि वे आउट ऑफ फॉर्म हैं. इसकी बजाय यह लगता है कि विरोधी टीमों ने उनकी कमी ढूंढ़ ली है. अश्विन इस कमी को दूर नहीं कर पा रहे हैं और विरोधी इसका फायदा उठाते जा रहे हैं. 

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दूसरी ओर, रवींद्र जडेजा अपनी पिछली 10 टेस्ट पारियों में पांच में अर्धशतक लगा चुके हैं. इनमें से दो अर्धशतक तो उन्होंने विदेश में लगाए हैं. जडेजा की पिछली 10 पारियां, 81, 58, 1*, 16, 30*, 40, 91, 51, 60*, 12 रन की रही हैं. 

रवींद्र जडेजा ने पिछले पांच टेस्ट की 10 पारियों में 13 विकेट झटके हैं. दूसरी ओर, अश्विन ने पिछली 10 पारियों में 21 विकेट झटके हैं. जाहिर है, जब टीम प्रबंधन इन दोनों क्रिकेटरों में से किसी एक को चुनेगा तो वह बैटिंग और बॉलिंग दोनों का ही ख्याल रखेगा. और ऐसे में उसके लिए किसी एक खिलाड़ी का चुनाव धर्मसंकट वाला फैसला साबित हो सकता है.