नई दिल्ली: आईसीसी विश्व कप (ICC World Cup 2019) के बाद भारतीय क्रिकेटप्रेमियों में सबसे अधिक चर्चा महेंद्र सिंह धोनी को लेकर थी. लोग जानना चाह रहे थे कि वे संन्यास लेंगे या नहीं. जब एमएस धोनी (MS Dhoni) या किसी और ने इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा तो लोग विंडीज दौरे (India vs West Indies) के लिए टीम के ऐलान का इंतजार करने लगे. रविवार को भारतीय टीम (Team India) का ऐलान हुआ और धोनी टीम में नहीं थे. यानी, टीम के ऐलान के बावजूद धोनी के संन्यास के बारे में कुछ भी साफ नहीं हुआ. लेकिन अब खबर आ रही है कि एमएस धोनी ने साफ कर दिया है कि वे अभी संन्यास नहीं लेंगे. 


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एमएस धोनी ने 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. तब ऐसा कहा गया था कि धोनी 2015 का विश्व कप (ICC World Cup) तो खेलेंगे, लेकिन 2019 में ऐसा कर पाना मुश्किल है. ऐसा कहने वालों को धोनी के खेल से अधिक उनकी उम्र पर ‘भरोसा’ था. लेकिन धोनी ने 38 साल की उम्र में भी विश्व कप में ना सिर्फ खेला, बल्कि ठीक-ठाक प्रदर्शन किया. अब जबकि, टीम इंडिया में धोनी के विकल्प के तौर पर ऋषभ पंत से लेकर कई विकेटकीपर हैं, तो लग रहा था कि वे संन्यास का ऐलान कर देंगे. लेकिन भारत के बेहतरीन कप्तान रहे धोनी में क्रिकेट की भूख अभी पहले जैसी ही बाकी है. 

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) ने विश्व कप के बाद एमएस धोनी से बात की थी. तब धोनी ने बता दिया था कि वे अभी संन्यास नहीं ले रहे हैं. एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक इसके बाद प्रसाद ने भी धोनी को बता दिया था कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए बनाए जा रहे टीम इंडिया के प्लान में वे शामिल नहीं हैं. चयनसमिति युवाओं को मौका देने के बारे में सोच रही है. 


जब रविवार को चयनकर्ताओं ने टेस्ट के साथ-साथ वनडे और टी20 टीम की घोषणा की तो इनमें धोनी का नाम शामिल नहीं था. यहां यह स्पष्ट कर दें कि चयनकर्ताओं ने धोनी को ड्रॉप नहीं किया है. धोनी ने खुद ही दो महीने तक खुद को ‘अनुपलब्ध’ बताया था. उन्होंने यह वक्त प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट के साथ बिताने का निर्णय लिया है. सूत्रों के मुताबिक धोनी ने इसके लिए सेना प्रमुख से इजाजत मांगी थी, जो उन्हें मिल गई है. धोनी प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. 

विंडीज दौरे के लिए टीम की घोषणा के साथ ही एक बात और स्पष्ट हो गई है कि धोनी अब बतौर विकेटकीपर पहली पसंद नहीं रह गए हैं. उनकी जगह ऋषभ पंत, संजू सैमसन जैसे युवाओं को मौका दिया जाएगा. अगर युवा खिलाड़ी नाकाम होते हैं, तब भी दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ियों का दावा मजबूत रहेगा. धोनी को बड़े टूर्नामेंट में उनेक अनुभव के आधार पर वरीयता मिल सकती है. लेकिन ऐसा बड़ा टूर्नामेंट 2019 में एक भी नहीं है. अगले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप होना है. देखना है तब तक खेल कैसे-कैसे रंग बदलता है.