नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच से पहले ईशांत शर्मा (Ishant Sharma) के चोटिल होने के कारण एक बार फिर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) की खिलाड़ियों की चोट प्रबंध और रिहैबिलिएशन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं. बीसीसीआई अधिकारी को लगता है कि एनसीए के मुखिया राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. ईशांत को दिसंबर में विदर्भ के खिलाफ खेले गए रणजी ट्रॉफी मैच में टखने में चोट लग गई थी. वे एनसीए (NCA) में रीहैब कराकर न्यूजीलैंड गए थे और पहला टेस्ट भी खेले. दूसरे टेस्ट मैच से पूर्व अभ्यास सत्र में वे दोबारा चोटिल हो गए.

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बीसीसीआई (BCCI) के एक अधिकारी ने कहा कि ईशांत की चोट ने एक बार फिर अकादमी के प्रबंधन को लेकर वही सवाल खड़े कर दिए हैं. इसके लिए द्रविड़ को जिम्मेदारी लेनी चाहिए, साथ ही इन्हें खत्म भी करना चाहिए. अधिकारी ने कहा, ‘यह देखना दिलचस्प होगा कि अभी जो स्कैन हुए हैं और उनके फिट घोषित होने के बाद जो स्कैन किए जाएंगे उनमें क्या बदलाव दिखाई देते हैं.’ राहुल द्रविड़ अपने जमाने के सबसे भरोसेमंद रहे हैं और क्रिकेटप्रेमी उन्हें दीवार (The Wall) कहकर बुलाते हैं. 

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इस अधिकारी ने कहा, ‘द्रविड़ बहुत सम्मानित खिलाड़ी है, लेकिन प्रबंधन ठीक नहीं है. कोई सोच सकता है कि द्रविड़ की कोचिंग को लेकर आलोचनात्मक होना ईश्वर की निंदा समान है, लेकिन प्रबंधन से संबंध रखने वाले फैसलों की जांच होनी चाहिए और आलोचना भी, खासकर तब जब वह सबसे अहम पूंजी को यानि ईशांत की बात हो.’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि द्रविड़ एनसीए में फैसला लेने वाले शख्स हैं. इसलिए यह स्वाभाविक है कि उन्हें इस प्रक्रिया और फैसलों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.’ 

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बीसीसीआई अधिकारी ने साथ ही फिजियो आशीष कौशिक के लगातार विफल होने के बाद भी उनके बने रहने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, ‘द्रविड़ कौशिक को भी समर्थन दे रहे हैं. ऐसे में उन्हें आगे आकर एनसीए में हो रही गड़बड़ियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. शायद एक तटस्थ फिजियो की नियुक्ति सही हो. द्रविड़ को पता होना चाहिए की नए अधिकारी आ चुके हैं जो जनरल बॉडी का हिस्सा हैं और बीते कुछ वर्षो से चीजें बदल चुकी हैं.’


बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, ‘क्या फिटनेस टेस्ट अब कोई मायने रखता है? बुमराह का फिटनेस टेस्ट नहीं कराया गया और वे बिनी किसी परेशानी के खेल रहे हैं. दूसरी ओर जिस ईशांत को हरी झंडी दे दी गई थी और वो दोबारा चोटिल हो गए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से हैरान था कि एनसीए ने बुमराह का टेस्ट लेने से मना कर दिया और इससे एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि क्या जो खिलाड़ी चोट से वापसी कर रहा है उसका फिटनेस टेस्ट जरूरी है या नहीं.’