मिलिए, वीरेंद्र सहवाग के `हीरो` से, जिसने बचाई सैकड़ों लोगों की जान
वीरेंद्र सहवाग के इस हीरो का नाम भीम यादव है, जिसने समय रहते सैकड़ों ट्रेन यात्रियों की जान बचा ली.
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अक्सर अपने मजेदार ट्वीट्स को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. गंभीर मुद्दों पर भी वह अपने ट्वीट्स के जरिये ऐसा कटाक्ष करते हैं कि उसमें ह्यूमर भी नजर आता है, लेकिन इस बार सहवाग ने ट्वीट करने अपने 'हीरो' के बारे में बताया है. रविवार को सहवाग ने एक ट्वीट किया और बताया कि उनका 'हीरो' कौन है. भारत के हजारों-लाखों युवाओं और बच्चों के हीरो सहवाग ने अपना हीरो एक 12 साल के बच्चे को बताया है. सहवाग ने टि्वटर के जरिये अपने इस 'हीरो' से सभी की मुलाकात करवाई है.
वीरेंद्र सहवाग के इस हीरो का नाम भीम यादव है, जिसने समय रहते सैकड़ों ट्रेन यात्रियों की जान बचा ली. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही बिहार के बगहा में एक 12 साल के बच्चे की बहादुरी और सूझबूझ से सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई थी. उसने ट्रैक को टूटे देखा तो तुरंत गेटमैन के पास दौड़कर पहुंचा और पूरी बात बताई. जिसके बाद ट्रैक पर आ रही पैसेंजर ट्रेन 55072 गोरखपुर-नरकटियागंज को रुकवा दिया गया. मामले की सूचना जैसे ही मिली वैसे ही आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पटरी को सुधारा गया.
बाल दिवस पर सहवाग ने दिलाई भारत के सबसे छोटे शहीद की याद
मीडिया खबरों के मुताबिक, अवसानी हॉल्ट के पास से 12 साल का भीम गुजर रहा था, जहां उसकी नजर टूटी हुई पटरी पर पड़ी. भीम ने मीडिया को बताया, कि पहले उसने सोचा कि वो खुद ट्रेन रुकवाए लेकिन इसके लिए समय नहीं था. वो दौड़कर गेटमैन के पास गया और उसे टूटी पटरी की जानकारी दी, जिसके बाद ट्रेन को रुकवा दिया गया. भीम की बहादुरी के कारण सैकड़ों पैसेंजर्स की जान बच गई. उन्हें भी जब भीम और उसके द्वारा उनकी जान बचाए जाने की बात पता चली तो वे भी ट्रेन से उतरे और बच्चे को शाबाशी दी.
12 साल के बच्चे ने बहादुरी दिखाते हुए रोका रेल हादसा, बचाई सैकड़ों यात्रियों की जान
सहवाग ने इस बच्चे की तारीफ करते हुए अपने पोस्ट में लिखा है - मिलिए! इस सच्चे हीरो से, जिसने तेज गति से दौड़ रही ट्रेन को टूटी पटरी पार करने से पहले ही रोक लिया. ड्राइवर का ध्यान खींचने के लिए भीम ने अपनी शर्ट उतार ली और उसे जोर-जोर से लगातार लहराने लगा. आखिरकार ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक ली. मेरा हीरो!
बता दें कि भीम ने बताया था कि वो कई साल पहले वो सुखपुरवा गांव में अपने एक रिश्तेदार के पास गया था. वहां एक लड़के की काफी चर्चा थी, जिसने हिम्मत दिखाते हुए बड़े रेल हादसे को होने से रोका था. तभी से भीम के मन में भी था कि वो भी बहादुरी का ऐसा कोई काम करेगा. सोमवार को जब उसे पटरी टूटी दिखी तो उसे सालों पुरानी बात याद आ गई और वो तुरंत एक्शन में आ गया.