नई दिल्ली: ‘जेंटलमेन गेम’ का यह वो जमाना था जब टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) ही अस्तित्व में था. सीमित ओवर के मैचों का उदय नहीं हुआ था. बल्लेबाजों का ध्यान रन बनाने से ज्यादा विकेट बचाने पर होता था. नतीजा, कई बार बल्लेबाज इतना धीमा खेलते कि दर्शक चौके-छक्के तो छोड़िए, एक-एक रन देखने के लिए भी तरस जाया करते थे. 11 अक्टूबर क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसे ही दिन के रूप में दर्ज है, जब दर्शक दिनभर के खेल में एक भी चौका नहीं देख सके थे. यह मैच पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया (Pakistan vs Australia) के बीच 1956 में खेला गया था. 

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मेजबान पाकिस्तान (Pakistan) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के बीच कराची में यह ऐतिहासिक मैच 11 अक्टूबर से 17 अक्टूबर के बीच खेला गया था. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान इयान जॉनसन ने मैच में टॉस जीता और पहले बैटिंग का निर्णय लिया. ऑस्ट्रेलिया की टीम 53.1 ओवर के खेल में सिर्फ 80 रन बनाकर आउट हो गई. इसे पाकिस्तान की बेहतरीन गेंदबाजी कहिए या ऑस्ट्रेलिया की खराब बैटिंग. लेकिन हकीकत यह है कि ऑस्ट्रेलिया की पारी में ना तो कोई चौका लगा और ना ही कोई छक्का. 

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ऑस्ट्रेलिया को सस्ते में समेटने के बाद पाकिस्तान बैटिंग करने उतरा. उसने दिन के बाकी खेल में दो विकेट पर 15 रन बनाए. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की तरह पाकिस्तानी बल्लेबाज भी पहले दिन कोई बाउंड्री नहीं लगा सके. इस तरह पहले दिन के खेल में साढ़े पांच घंटे का खेल हुआ. कुल 95 रन बने और 12 विकेट गिरे. क्रिकेट इतिहास में यह किसी एक दिन के खेल में सबसे धीमी बैटिंग (slowest day in Test history) का विश्व रिकॉर्ड है. 

15 साल बाद हुआ पहला वनडे मैच 
धीमी बैटिंग के लिए यादगार इस ऐतिहासिक मैच के करीब 15 साल बाद वनडे क्रिकेट (ODI Cricket) का जन्म हुआ. पहला वनडे मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था. पांच जनवरी 1971 को खेले गए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को पांच विकेट से हराया था.