लंदन: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में नस्लवाल (Racism) का मुद्दा खूब चर्चा में रहा. सिडनी टेस्ट के दौरान मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) पर नस्लीय टिप्पणी की गई थी, जिसके बाद 6 आरोपी दर्शकों को स्टेडियम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.


इंग्लैंड नस्लवाद निरोधक ट्रेनिंग


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नस्लीय टिप्पणी की घटना इंग्लैंड (England) में भी काफी ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसे में इस मुल्क में महिला और पुरुष क्रिकेटर्स के लिए नस्लवाद निरोधक ट्रेनिंग कोर्स (Anti Racism Course) शुरू किया जाएगा जबकि एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि एक तिहाई से ज्यादा अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक खिलाड़ियों को खेल में पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ता है.


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गलत चीजों का विरोध होगा


जानकारी के मुताबिक इन कोर्सेज में ड्रेसिंग रूम कल्चर, अलग-अलग संस्कृतियों से आए लोगों के साथ बर्ताव और अस्वीकार्य चीजों पर विरोध को प्रोत्साहित करने के बारे में बताया जाएगा. पेशेवर क्रिकेटर्स एसोसिएशन द्वारा कराए गए सर्वे में 600 प्रतिभागियों में से 45 प्रतिशत ने कहा कि साथी खिलाड़ियों ने नस्लवादी टिप्पणी की.


 



हालात सुधारने की कवायद


इसके अलावा 10 फीसदी लोगों ने कोच को और 30 फीसदी ने सोशल मीडिया या फैंस को जिम्मेदार ठहराया. सर्वे में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों में से 62 प्रतिशत का मानना है कि नस्लवाद के उन्मूलन को लेकर जागरूक किए जाने से ही हालात सुधरेंगे और इससे खेल में भी अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे