8 साल बाद लौटा फिरकी` का दौर, इस बार वॉर्न-मुरली नहीं ये हैं `स्पिनबाज`
आईपीएल ऑक्शन 2018 में सात रिस्ट स्पिनर 35 करोड़ में बिके हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लेग स्पिनर्स का क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट में कितना जलवा है.
नई दिल्ली: क्रिकेट को आमतौर पर बल्लेबाजों का गेम माना जाता है. खासतौर पर वनडे और टी-20 में तो कई बार गेंदबाजों को यह समझ ही नहीं आता कि उन्हें कहां और कैसे गेंदबाजी करनी है, लेकिन पिछले कुछ सालों में क्रिकेट के इस छोटे फॉर्मेटों में जिन गेंदबाजों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, वे हैं लेग स्पिनर. एक वक्त जब क्रिकेट में लेग स्पिनर्स का जादू बोलता था. मुश्ताक अहमद, शेन वॉर्न, अनिल कुंबले, मुथैया मुरलीधरन और सकलेन मुश्ताक जैसे स्पिनर्स बल्लेबाजों को अपनी कलाइयों के जादू से चकमा देकर पवेलियन की राह दिखा देते थे. लेकिन इन खिलाड़ियों के क्रिकेट को अलविदा (2010) कहने के बाद एक दौर ऐसा भी आया, जब इस विधा के खिलाड़ियों का जादू कम होने लगा था.
अब पिछले दो सालों में एक बार फिर से स्पिनर्स का जलवा देखने को मिल रहा है, वो भी ऐसे फॉर्मेट (टी-20) में जहां उनकी गेंदों पर सबसे ज्यादा रन बनने की संभावना रहती है. आज हर टीम अपने साथ एक लेग स्पिनर जरूर रखना चाहती है. लेग स्पिनरों के क्रिकेट पर प्रभाव को देखना है तो एक नहीं अनेक चेहरे आपको ऐसे दिखाई पड़ जाएंगे, जो अपनी टीमों को जीत तक ले जाते हैं. इनमें सबसे युवा नाम है- अफगानिस्तान के राशिद खान का. इनके साथ-साथ भारतीय स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की गेंदबाजी भी इन दिनों सुर्खियों में है.
कुलदीप,चहल और अफगानी पठान पर आज भी भारी है दिल्ली का यह गेंदबाज
राशिद खान की मिस्ट्री गेंदों को समझने में बल्लेबाज अक्सर चकमा खा जाते है. आपको यह जानकर हैरानी होगा कि भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अब तक 37 वनडे खेले हैं और 22.50 की औसत से 64 विकेट लिए हैं. बुमराह के मुकाबले राशिद खान ने इतने ही मैच खेलकर 13.26 की औसत से 86 विकेट लिए हैं. यानी वह बुमराह से बेहतर साबित हुए हैं.
आईपीएल 2017 के 'सुपरस्टार' रहे राशिद खान
राशिद खान ने अबतक IPL में केवल एक सीजन खेल पाए हैं. साल 2017 में राशिद खान ने 14 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 6 के इकोनॉमी रेट से 17 विकेट लिए. इतना ही नहीं राशिद खान जरूरत पड़ने पर अच्छी बैटिंग भी कर लेते हैं.
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कुलदीप-युजवेंद्र की जोड़ी भी कर रही है कमाल
दक्षिण अफ्रीका में भी भारतीय लेग स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल जमकर कहर बरपा रहे हैं. कुलदीप और चहल की भारतीय वनडे टीम में एंट्री दो दिग्गज गेंदबाजों रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जगह पर हुई है. दक्षिण अफ्रीका के साथ हाल ही में खत्म हुई छह मैचों की वनडे सीरीज को भारतीय टीम ने 5-1 से अपने नाम किया था, जिसमें युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की इस स्टार स्पिन जोड़ी ने 33 विकेट झटके थे. 6 मैचों की सीरीज में कुलदीप ने 17 और युजवेंद्र चहल ने 16 विकेट अपने नाम कर लिए.
आईपीएल ऑक्शन में भी चला लेग स्पिनर्स का जादू
हाल ही में आईपीएल ऑक्शन के दौरान भी यह देखा गया कि फ्रैंचाइजीज का फोकस लेग स्पिनर पर अधिक रहा. कुलदीप यादव, पीयूष चावला, एडम जंपा, सेमुअल बद्री और यजुवेंद्र चहल. इनमें से कोई भी अनसोल्ड नहीं रहा. राशिद खान सबसे महंगे (9 करोड़) में बिके. उन्हें सनराइज हैदराबाद ने खरीदा. आईपीएल ऑक्शन 2018 में सात रिस्ट स्पिनर 35 करोड़ में बिके हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लेग स्पिनर्स का क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट में कितना जलवा है.
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सुनील नरेन की जादुई गेंदों से परेशान हैं बल्लेबाज
कुछ साल पहले के क्रिकेट परिदृश्य को याद करें तो वेस्ट इंडीज के लेग स्पिनर सुनील नरेन याद आते हैं, जिन्होंने अपनी जादुई गेंदों से बड़े-बड़े बल्लेबाजों को परेशान किया. उनकी कैरम बॉल और दूसरा प्रिय गेंदें थीं. वही करिश्मा अब राशिद खान में दिखाई दे रहा है. 19 वर्षीय राशिद टी-20 के सबसे चहेते खिलाड़ी बने हुए हैं. मैसन क्रेन, इमरान ताहिर की लेग स्पिन से भी दुनियाभर के बल्लेबाज परेशान हैं.
टी-20 के टॉप छह गेंदबाजों में से चार लेग स्पिनर
दक्षिण अफ्रीका की हालिया वनडे सीरीज में यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने अफ्रीकी बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और भारत ने 5-1 से सीरीज अपने नाम की. आश्चर्य की बात है कि टी-20 के टॉप छह गेंदबाजों में से चार लेग स्पिनर हैं. राशिद खान, ईश सोढी, इमरान ताहिर, सेमुअमल बद्री. यह लेग स्पिनरों के बढ़ते प्रभाव को दिखाता है. श्रीलंका ने भी ऐसे अनेक रहस्यमयी स्पिनर पैदा किए. एक लंबे समय तक मुथैया मुरलीधरन का जलवा रहा. उनके बाद अजंथा मैंडिस की जादुई गेंदों ने बल्लेबाजों की चकित किया था.
अपनी कलाइयों के जादू को बार-बार कर रहे साबित
ऐसा माना जाता है कि स्पिनर उन्हीं पिचों पर अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं, जो स्पिनरों के अनुकूल हो, लेकिन आज के लेग स्पिनरों ने यह साबित कर दिया है कि पिच के साथ साथ उनकी कलाइयां अहम हैं. वे अपनी कलाइयों के दम पर गेंद को घुमाते हैं और बल्लेबाजों को चकमा देते हैं. दक्षिण अफ्रीका में चहल और कुलदीप यादव ने बार-बार यह बात साबित की है. इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को स्पिनरों को खेलने में हमेशा से ही परेशानी का सामना करना पड़ता है. इन टीमों की खासियत इनके तेज गेंदबाज ही रहे हैं, लेकिन अब वे भी अपने साथ लेग स्पिनरों को जोड़ रहे हैं.
दुनिया के महान लेग स्पिनर माने जाने वाले पाकिस्तान के अब्दुल कादिर का बेटा उस्मान कादिर अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए लेग स्पिन करते हैं. 24 वर्षीय उस्मान कादिर का सपना है कि वह ऑस्ट्रेलिया की टीम में लेग स्पिनर के रूप में खेलें. इसके लिए वह जमकर अभ्यास भी कर रहे हैं. लेग स्पिनरों के बढ़ते प्रभाव के चलते एक बात साफ दिखाई पड़ती है कि आने वाला समय स्पिनरों का है. स्पिनरों के चलते यह संभव है कि एशिया का रुतबा वर्ल्ड क्रिकेट में और बढ़ जाए.