गावस्कर के बयान से मच सकता है बवाल? यो-यो टेस्ट और सेलेक्शन कमेटी को लताड़ा, पंत-सरफराज से क्या कनेक्शन?
क्रिकेट के खेल में फिटनेस का अहम रोल होता है और जब बात इंटरनेशनल क्रिकेट की हो तो इसके मायने और भी बढ़ जाते हैं. सरफराज खान इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं क्योंकि शानदार प्रदर्शन के बावजूद सरफराज को टीम इंडिया में एंट्री नहीं मिली. लेकिन अब उनका धूम-धड़ाका जारी है. दिग्गज गावस्कर ने इस बीच यो-यो टेस्ट पर सवाल उठाए.
Sunil Gavaskar: क्रिकेट के खेल में फिटनेस का अहम रोल होता है और जब बात इंटरनेशनल क्रिकेट की हो तो इसके मायने और भी बढ़ जाते हैं. कई प्लेयर्स का बेशुमार टैलेंट फिटनेस के चलते खराब चला जाता है. लेकिन कुछ चुनिंदा प्लेयर्स ऐसे होते हैं जो शारीरिक रूप से फिट न दिखने पर भी इस खेल में अपना लोहा मनवा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण साबित हुए सरफराज खान और ऋषभ पंत. दोनों ने हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ दमदार पारियां खेलीं. जिसके बाद दिग्गज सुनील गावस्कर ने दोनों की अनोखे अंदाज में तारीफ की.
सरफराज को कई दिनों तक नहीं मिला मौका
सरफराज खान ने घरेलू क्रिकेट में रनों का पहाड़ खड़ा किया. लेकिन डेब्यू के लिए उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा. गावस्कर ने सोमवार को स्पोर्टस्टार के लिए अपने कॉलम में लिखा, 'ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि निर्णय लेने की स्थिति में मौजूद लोगों का मानना था कि उनके पास वह पतली कमर नहीं है जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए जरूरी लगती है. बल्ले से मैदान पर सरफराज का प्रदर्शन उनकी कमर से भी ज़्यादा शानदार था. दुख की बात है कि भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे निर्णयकर्ता हैं जिनके विचार समझ से परे हैं.'
यो-यो टेस्ट का किया विरोध
उन्होंने आगे कहा, 'ऋषभ पंत एक और खिलाड़ी हैं, जिनके पास वह पतली कमर नहीं है जो ये फिटनेस विशेषज्ञ चाहते हैं. लेकिन वे एक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे पूरे दिन विकेटकीपिंग भी करते हैं, जिसके लिए न केवल लगभग छह घंटे तक उठना-बैठना पड़ता है, बल्कि थ्रो को पकड़ने के लिए स्टंप तक दौड़ना भी पड़ता है. इसलिए, कृपया इन यो-यो टेस्ट को दरकिनार कर यह देखें कि कोई खिलाड़ी मानसिक रूप से कितना मजबूत है. यह किसी खिलाड़ी की फिटनेस का सही संकेतक होगा. यदि कोई प्लेयर पूरे दिन बल्लेबाजी कर सकता है या एक दिन में 20 ओवर गेंदबाजी कर सकता है तो वह मैच के लिए फिट है, भले ही उसकी कमर कितनी भी पतली हो या न हो.'
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हार के लिए जताई चिंता
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की हार पर गावस्कर ने चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'उनकी वीरता व्यर्थ चली गई, क्योंकि उनके बाद आने वाले बल्लेबाजों के पास ऐसी तकनीक या स्वभाव नहीं था जिससे वे कम उछाल वाली पिच से निपटने के लिए तैयार हो सकें. इससे निराशा और बढ़ गई है, जिस तरह से भारतीय बल्लेबाज़ी चेन्नई में संघर्ष कर रही है. जहां फिर से कुछ उछाल था और अब बेंगलुरु में यह देख ऑस्ट्रेलिया में क्या होने वाला है, इस बारे में चिंतित करता है.'