नई दिल्ली: MS Dhoni की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम में एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ियों के डेब्यू हुए, जो विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में और भी निखर कर सामने आए हैं. ये क्रिकेटर्स अपने अकेले दम पर मैच का रुख पलट देते हैं. इन धुरंधर खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट्स में भी मैच विनर का रोल निभाया है. विराट कोहली के कप्तानी संभालते ही इन खिलाड़ियों के करियर पर चार चांद लग गए. इन खिलाड़ियों ने धोनी की कप्तानी में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और कोहली के कप्तान बनते ही और भी शानदार खेल दिखाया है. एक नजर डालते हैं ऐसे ही 4 खिलाड़ियों पर: 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हार्दिक पांड्या


टीम इंडिया में फिनिशर की भूमिका निभाने वाले हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने IPL में शानदार प्रदर्शन कर वनडे फॉर्मेट में खेलने का मौका पाया था, टीम इंडिया भी लंबे समय तक हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) जैसे ऑलराउंडर की खोज में थी, जो तेज गेंदबाजी के साथ जबर्दस्त बल्लेबाजी भी कर सके. हार्दिक पांड्या ने धोनी की कप्तानी में डेब्यू किया था. शुरुआती दौर में हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को सातवे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया और धीरे-धीरे पांड्या पांचवे गेंदबाज के रूप में 10 ओवर की गेंदबाजी के लिए भी तैयार हो गए. धोनी के क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद हार्दिक पांड्या ने बल्लेबाजी में काफी सुधार किया है और आज हार्दिक पांड्या टीम इंडिया में सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में जाने जाते हैं.


रविचंद्रन अश्विन


रविचंद्रन अश्विन पिछले 10 साल से टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में शानदार गेंदबाजी करते आए हैं और इनके आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं. इस गेंदबाज ने 78 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 24 की औसत से 409 टेस्ट विकेट हासिल किए हैं. अश्विन पहली बार IPL में धोनी की टीम CSK से खेले थे, जहां जल्द ही इन्होंने एमएस धोनी का विश्वास जीत लिया. धोनी ने अश्विन को वनडे और टी20 में डेब्यू करने का मौका दिया. शुरुआत में अश्विन उपमहाद्वीपों की पिचों पर तो प्रभावशाली गेंदबाज साबित हुए, लेकिन विदेशी पिचों पर उन्हें कठिनाइयां होती रहीं, लेकिन विराट कोहली की कप्तानी में रविचंद्रन अश्विन ने विदेशी पिचों पर भी शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन दिखाया. अश्विन दुनिया के लगभग हर देश में गेंदबाजी कर चुके हैं.


मोहम्मद शमी


मोहम्मद शमी ने साल 2013 में एमएस धोनी की अगुवाई में डेब्यू किया था. हालांकि मोहम्मद शमी में पहले से ही एक महान गेंदबाज बनने की क्षमता थी. उनकी सीम पोजीशन और तेज रफ्तार ने बता दिया था कि वह टीम इंडिया के लिए लंबे समय तक खेलेंगे, लेकिन धोनी के समय में शमी एक सही रणनीति के तहत गेंदबाजी करने में विफल होते रहे और अंत के ओवरों में रन लुटा देते थे, हालांकि विराट कोहली की कप्तानी में शमी ने खुद को अलग ही साबित किया है, वह पहले से ज्यादा फिट और यॉर्क गेंदबाजी करते दिखाई देते हैं और क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं, शमी आज वर्तमान समय में बुमराह और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाजों की तिकड़ी के मुख्य सदस्य हैं.


रविंद्र जडेजा


रविंद्र जडेजा अंडर-19 में विराट कोहली के साथ खेलने वाले खिलाड़ी रहे हैं, जडेजा ने IPL में शानदार क्रिकेट खेली उसके बाद वह जल्द ही धोनी की कप्तानी में CSK के लिए खेलने लगे, उन्हें 2009 में भारत के लिए सीमित ओवरों में डेब्यू करने का मौका मिला और जल्द ही 2012 के दौरान जडेजा को टेस्ट में भी जगह मिल गई. यदि उस समय जडेजा को कोई देखता तो कोई नहीं मानता कि वह वर्ल्ड लेवल के एक शानदार ऑलराउंडर होंगे, लेकिन जडेजा ने पिछले तीन वर्षों में अपने खेल में काफी सुधार किया, आज जडेजा टीम इंडिया के तीनों फॉर्मेट में बड़े खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं, तो इस तरह जडेजा भी विराट कोहली की कप्तानी में अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं.


स्पोर्ट्स की लेटेस्ट और इंटरेस्टिंग खबरों के लिए यहां क्लिक कर Zee News के Sports Facebook Page को लाइक करें