Today in Cricket: भारत ने पाक को फिर दी थी विश्वकप में पटखनी, सचिन थे मैच के हीरो
IND vs PAK: आज से 17 साल पहले टीम इंडिया ने सचिन की पारी के दम पर पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में अपना अजेय रिकॉर्ड कायम रखा था.
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के क्रिकेट मैच में रोमांच हमेशा चरम पर ही रहता है. माना जाता है कि क्रिकेट में दोनों देशों के बीच क्रिकेट का कोई भी मुकाबला उसी तरह से कट्टर माना जाता है जैसा कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज में होता है. भारत और पाकिस्तान के बीच यह भी सच है कि पाकिस्तान आज तक आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में भारत को नहीं हरा सका है. ऐसा ही एक रोमांचक मैच साल 2003 में हुआ था जिसमें सचिन तेंदलुकर (Sachin Tendulkar) मैच के हीरो बनकर निकले थे.
साल 2003 में जब दक्षिण अफ्रीका में वनडे वर्ल्ड कप हुआ था. उस समय टीम सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम में सचिन तेंदुलकर भी थे. उनके अलावा वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह जैसे दिग्गज भी टीम में मौजूद थे. वहीं वकार युनिस की कप्तानी वाली पाकिस्तान टीम शाहिद अफरीदी, सईद अनवर, इंजमाम उल हक, वसीम अकरम, शोएब अख्तर जैसे दिग्गजों से सजी थी.
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इस मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और सईद अनवर के शतक के दम पर टीम 50 ओवर में 7 विकेट पर 273 रन बना गई थी. इस पारी में पाक के दूसरे सबसे स्कोरर युनुस खान थे जिन्होंने 32 रन बनाए थे.
टीम इंडिया के लिए सचिन तेंदलुकर ने सईद अनवर की जवाबी पारी खेली थी, लेकिन वे 28वें ओवर में ही दो ही रन से शतक से चूक गए थे. जबकि उनसे पहले वीरेंद्र सहवाग (21), कप्तान सौरव गांगुली (0), और मोहम्मद कैफ (35) उनसे पहले ही पवेलियन लौट गए थे. सचिन के आउट होने के समय टीम इंडिया का स्कोर 177 रन था.
सचिन के जाने के समय टीम इंडिया को 128 गेंदों में 97 ही रन बनाने थे. लेकिन भारत पाक मैच के लिए यह भी कोई आसान काम नहीं था. ऐसे में राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने मोर्चा संभाला और यह सुनिश्चित किया कि टीम बिना कोई और विकेट गंवाएं मैच जीत लिए. सचिन की पारी ने दोनों का काम आसान कर दिया था.
टीम इंडिया ने 46 ओवर से पहले ही 276 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया और पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में अजेय होने का रिकॉर्ड कायम रखा. पाकिस्तान के पास के खुश होने के लिए केवल एक की बात थी कि वे सचिन को शतक बनाने से रोकने में कामयाब हो गए लेकिन टीम की हार के कारण वे इसका जश्न नहीं मना सके.