नई दिल्ली : लंबे समय तक खराब प्रदर्शन के बाद ऐसा लगने लगा है कि वेस्टइंडीज क्रिकेट ने अपने शानदार युग में से कुछ हिस्से को फिर से वापस पा लिया है. यह महज एक इत्तेफाक नहीं है कि विंडीज ने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज इंग्लैंड पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है. लेकिन अधिकांश टीमों ने अपना ध्यान 50 ओवरों के क्रिकेट पर लगा दिया है, खासकर तब जब आईसीसी वनडे विश्व कप को शुरू होने में अब केवल तीन महीने का ही समय बचा हैं. कैरेबियाई टीम टेस्ट में अपनी इस प्रगति को आसानी से 50 ओवरों के क्रिकेट में बदल सकती है. 


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इंग्लैंड को विश्व रैकिंग में आठवें नंबर पर काबिज वेस्टइंडीज के साथ जारी टेस्ट सीरीज में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था क्योंकि इंग्लैंड ने इससे पहले अपने घर में श्रीलंका पर 3-0 से क्लीन स्वीप किया था. वहीं, उससे पहले उसने भारत को 4-1 से मात दी थी. जोए रूट की कप्तानी वाली इंग्लैंड की टीम को हालांकि पहले दो टेस्ट मैचों में शर्मनाक शिकस्त खानी पड़ी है. वेस्टइंडीज ने पहले टेस्ट में उसे 381 रन से जबकि दूसरे टेस्ट में पूरे 10 विकेट से करारी मात दी है. 


वेस्टइंडीज का विश्व क्रिकेट में पुन: उदय होना चमत्कार की तरह नहीं है. पिछले साल अक्टूबर में भारत दौरे पर 0-2 से क्लीन स्वीन होने के बाद कैरेबियाई टीम ने बेहतर ढंग से अपना होमवर्क किया है, जिसका परिणाम मौजूदा सीरीज है. विंडीज के लिए प्रेरणादायी यह है कि उसने क्रिस गेल, ड्वैन ब्रावो और डैरेन सैमी जैसे अपने सुपर स्टार खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया है. युवा कप्तान जेसन होल्डर ने पहले टेस्ट मैच में अपने करियर का पहला दोहरा शतक लगाकर टीम के लिए एक उदाहरण पेश किया है. 


जमीनी स्तर पर मौजूद विकास कार्यक्रम के अभाव से ग्रस्त, विंडीज ने अपने तेज गेंदबाजों केमार रोच, शेनन गेब्रियल और अल्जारी जोसेफ की मदद से काफी शानदार प्रदर्शन किया है, जिन्होंने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में केवल 77 रन पर ही इंग्लैंड का पुलिंदा बांध दिया था. 


वेस्टइंडीज ने दूसरे मैच में भी इंग्लैंड को 381 रनों से हराकर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त ले ली है. दूसरे मैच में भी तेज गेंदबाज केमार रोच ने आठ विकेट लेकर इंग्लैंड को 200 रनों के अंदर समेट दिया था.  दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट शनिवार से सेंट लूसिया के डैरेन सैमी नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. यह देखना रोचक होगा कि क्या मेजबान टीम इसी लय को कायम रख पाती है या फिर इंग्लैंड खुद को क्लीन स्वीप होने से बचा लेती है.