असंभव: इस महान क्रिकेटर के रिकॉर्ड को तोड़ना भारतीयों के लिए अब भी सपना, सचिन-कोहली-गावस्कर तो काफी पीछे
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असंभव: इस महान क्रिकेटर के रिकॉर्ड को तोड़ना भारतीयों के लिए अब भी सपना, सचिन-कोहली-गावस्कर तो काफी पीछे

एक महान क्रिकेटर ऐसा है जिसका रिकॉर्ड आज तक कभी कोई भी भारतीय नहीं तोड़ पाया है. इस महान क्रिकेटर के रिकॉर्ड को तोड़ना अब भी भारतीयों के लिए सपना ही है. भारतीय क्रिकेट में सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे महान बल्लेबाज आए, लेकिन वह भी कभी इस महारिकॉर्ड को छू तक नहीं पाए. 

असंभव: इस महान क्रिकेटर के रिकॉर्ड को तोड़ना भारतीयों के लिए अब भी सपना, सचिन-कोहली-गावस्कर तो काफी पीछे

एक महान क्रिकेटर ऐसा है जिसका रिकॉर्ड आज तक कभी कोई भी भारतीय नहीं तोड़ पाया है. इस महान क्रिकेटर के रिकॉर्ड को तोड़ना अब भी भारतीयों के लिए सपना ही है. भारतीय क्रिकेट में सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे महान बल्लेबाज आए, लेकिन वह भी कभी इस महारिकॉर्ड को छू तक नहीं पाए. 1983 से लेकर 1987 तक दिलीप वेंगसरकर ने अपनी बल्लेबाजी से वर्ल्ड क्रिकेट में धाक जमाई थी. 

इस महान क्रिकेटर के रिकॉर्ड को तोड़ना असंभव!

दिलीप वेंगसरकर क्रिकेट के मक्‍का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर लगातार तीन शतक लगाने वाले पहले गैर अंग्रेज और भारतीय बल्‍लेबाज रहे. भारत की तरफ से सुनील गावस्‍कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे महान बल्‍लेबाज भी यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाए. दिलीप वेंगसरकर ने साल 1979 में लॉर्ड्स के मैदान पर 0 और 103, साल 1982 में 2 और 157 और साल 1986 में नाबाद 126 और 33 रन की पारियां खेली थी. 

सचिन-कोहली-गावस्कर तो काफी पीछे

दिलीप वेंगसरकर ने लॉर्ड्स के मैदान पर चार टेस्‍ट खेलते हुए 72.57 की औसत से 508 रन बनाए थे.आखिरी बार दिलीप साल 1990 में लॉर्ड्स मैदान में खेले, लेकिन शतक नहीं बना पाए. पहली पारी में उन्‍होंने 52 और दूसरी पारी में 35 रन बनाए थे. भारत की तरफ से सुनील गावस्‍कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली भी कभी लॉर्ड्स के मैदान पर एक भी शतक नहीं जड़ पाए. दिलीप वेंगसरकर ने अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 1975-76 में न्यूजीलैंड के विरूद्ध शुरू किया. उन्होंने भारत के लिए ओपनिंग की. दिलीप वेंगसरकर 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे.

वेस्टइंडीज के दौरे के बाद उनकी कप्तानी छिन गई

1985 से 1987 के बीच दिलीप वेंगसरकर ने टीम इंडिया के लिए जबरदस्त रन बरसाए. दिलीप वेंगसरकर ने इस दौरान पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ शतक जमाए. 1987 के वर्ल्डकप के बाद दिलीप वेंगसरकर कपिल देव को हटाकर कप्तानी के लिए चुने गए थे. उन्होंने अपनी कप्तानी की शुरुआत दो शतकों के साथ की लेकिन उनकी कप्तानी मुश्किलों में फंसती रही. 1989 में वेस्टइंडीज के दौरे के बाद उनकी कप्तानी छिन गई. 

10 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की

दिलीप वेंगसरकर ने 10 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की थी. वेंगसरकर ने अपना आखिरी इंटररनेशनल मैच 1992 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेला. जिसमें वह दोनों ही पारियां में 10 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए. वेंगसरकर ने 116 टेस्‍ट और 129 वनडे मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्‍व किया. वेंगसरकर ने 116 टेस्‍ट मैचों में 42.13 की औसत से 6868 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 35 अर्धशतक शामिल रहे. वेंगसरकर ने 129 वनडे मैचों में 34.73 की औसत से 3508 रन बनाए. वनडे में उनके नाम एक शतक है. वेंगसरकर का जन्म 6 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र के राजापुर में हुआ था. वह 70वें के आखिर और 80वें दशक की शुरुआत में भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज रहे.

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