नई दिल्ली: भारत के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने इस साल आईसीसी विश्व कप (ICC World Cup 2019) के शुरू होने के 10 दिन बाद ही सन्यास की घोषणा कर दी थी. 2011 विश्व कप के मैन ऑफ टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाले युवराज 2015 विश्व कप की टीम में भी नहीं चुने गए थे. इसके बाद भी वे 2019 विश्व कप की टीम के लिए चुने जाने की कोशिश करते रहे थे. अब उनका कहना है  कि भारतीय टीम प्रबंधन ने विश्व कप-2019 की तैयारियां गलत तरीके से कीं


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यह थी सबसे बड़ी गलती
युवराज ने कहा कि टीम का कमजोर मध्य क्रम टीम की असफलता का कारण बना. भारत को इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि मध्य क्रम को लेकर टीम के पास कोई ठोस रणनीति नहीं थी. युवराज ने ऋषभ पंत और विजय शंकर जैसे अनुभवहीन खिलाड़ियों को मध्य क्रम में चुनने की रणनीति पर सवाल उठाए हैं.


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रायडू को लेकर भी हुई निराशा
युवराज ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि वे मेरी खोज कर रहे थे (मध्य क्रम के लिए). अंबाती रायडू के साथ जो हुआ मैं उससे बेहद निराश था. वह एक साल से ज्यादा तक नंबर-4 पर बल्लेबाजी कर रहे थे. न्यूजीलैंड में भी उन्होंने यह किया था. उन्होंने आखिरी मैच में वहां 90 किए थे और मैन ऑफ द मैच चुने गए थे."


2003 विश्व कप में नहीं हुई थी यह गलती
उन्होंने कहा, "जब हम 2003 विश्व कप के लिए जा रहे थे जब जिस टीम ने टूर्नामेंट खेला लगभग वही टीम हर जगह खेली. हमारा अनुभव शानदार रहा. मैं और मोहम्मद कैफ 35-40 मैच खेल चुके थे. हमारे शीर्ष क्रम के पास अच्छा खासा अनुभव था और मध्य क्रम के पास भी ठीक अनुभव था."



उल्लेखनीय है कि 2015 विश्व कप के लिए जब संभावित खिलाड़ियों की पहली सूची जारी हुई थी. उसी में युवराज का नाम न होना काफी सुर्खियों में रहा था. उसके बाद युवराज के पिता योगीराज सिंह ने आरोप भी लगाया था कि युवी का टीम में न होना धोनी की कारण था. इस पर हालांकि युवी ने कभी कुछ नहीं कहा.