मुंबई: टीम इंडिया के वर्ल्ड कप स्कवॉयड का ऐलान मंगलवार को कर दिया गया लेकिन इसमें सबसे बड़ी हैरानी की बात यह रही कि स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह को टीम में शामिल नहीं किया गया। चंद दिनों से यह अटकलें यह लगाई जा रही थी कि रणजी में युवराज सिंह के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए टीम इंडिया में वर्ल्ड कप स्कवॉयड के लिए उनका चुनाव किया जा सकता है। युवराज ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में लगातार तीन शतक ठोककर अपना दावा मजबूती के साथ पेश किया था लेकिन ऐन मौके पर ऐसा नहीं हुआ और सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे कैप्टन कूल धोनी की भूमिका रही। बताया जा रहा है कि धोनी नहीं चाहते थे कि युवराज टीम में शामिल हो और चयनकर्तओं को उनकी जिद के आगे झुकना पड़ा।


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सूत्रों के मुताबिक इसी साल ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए युवराज सिंह की टीम में एंट्री को लेकर कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने रोड़ा अटकाया। चयनकर्ता युवराज को चुनने के पक्ष में थे लेकिन टीम मैनेजमेंट उनके पक्ष में नहीं था। सूत्रों के मुताबिक टीम इंडिया के कोच डंकन फ्लैचर और रवि शास्त्री चाहते थे कि युवराज को टीम में जगह मिले। लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि धोनी, युवराज को टीम में लिए जाने का विरोध कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक धोनी ने कहा कि युवी स्पिन ऑलराउंडर है जबकि टीम को एक पेसर ऑलराउंडर की जरूरत है।


चयनकर्ताओं की बैठक में धोनी और फ्लेचर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े। युवराज को लेकर मीटिंग में लंबी बातचीत हुई लेकिन आखिरकार चयनकर्ताओं को युवराज सिंह को टीम में नहीं शामिल करने का फैसला लेना पड़ा। गौर हो कि युवराज सिंह ने 2011 वर्ल्ड कप की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। वह वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरिज बनकर उभरे थे। वर्ल्ड कप में उन्होंने 113.66 की औसत से 362 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल है। साथ ही युवराज ने 15 विकेट भी झटके थे। इस दौरान युवी ने अपने दम पर कई मैचों में भारत को विजेता बनाया था साथ ही एक मैच में पांच विकेट लेने और 50 रन बनाने का कारनामा करने वाले भी वे पहले खिलाड़ी बने थे।