नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने जब उस चुनाव को खारिज कर दिया जिसमें अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष पद पर प्रफुल्ल पटेल को चुना गया था, तो सभी को वैश्विक फुटबाल संस्था फीफा के अगले कदम का इंतजार था. फीफा इस मामले में बहुत ही संतुलित नजरिया रखते हुए इस मामले में कुछ कहने से फिलहाल बचती नजर आई.   


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 फीफा ने कहा कि उसे एआईएफएफ से प्रफुल्ल पटेल को अध्यक्ष पद से हटाये जाने के संबंध में आधिकारिक सूचना का इंतजार है.


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फीफा के प्रवक्ता ने आज पीटीआई से कहा, ‘‘फीफा को इस मुद्दे पर एआईएफएफ से आधिकारिक सूचना का इंतजार है. फिलहाल हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते.’’ फुटबाल के जानकारों की माने तो फीफा इस मसले पर जल्दबाजी में नहीं है क्योंकि मामला कोर्ट के फैसले का है, ना कि महासंघ में गुटबाजी या सरकारी दखल का.


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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल पटेल के चुनाव को खारिज कर दिया था जिन्हें पिछले साल चार साल के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए एआईएफएफ का अध्यक्ष चुना गया था. अदालत ने यह कहते हुए चुनाव को खारिज कर दिया था कि इसमें राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन नहीं किया गया.


पूर्व केन्द्रीय मंत्री पटेल 2008 में तत्कालीन अध्यक्ष प्रियरंजन दास मुंशी के बीमार होने के बाद एक साल के लिये कार्यवाहक अध्यक्ष बनें थे. वह अक्तूबर 2009 और फिर दिसंबर 2012 में महासंघ के अध्यक्ष पद के लिये चुने गये.


पटेल को पिछले साल दिसंबर में एआईएफएफ का निर्विरोध रूप से तीसरी बार अध्यक्ष चुना गया था. इस बीच एआईएफएफ को अदालत के विस्तृत फैसले का इंतजार है और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को अभी प्रशासक की जिम्मेदारी लेनी है. विस्तृत आदेश आने के बाद एआईएफएफ के वरिष्ठ अधिकारी भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेंगे.
(इनपुट भाषा)