FIFA World Cup : बिल्ली ने बता दिया कि कौन जीतेगा पहला मैच
फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के पहले मैच में मास्को के लुज्निकी स्टेडियम में मेजबान रूस का सामना सऊदी अरब से होगा. रूस के हेरिटेज म्यूजिम में मौजूद एचिलेस नामक बिल्ली ने गुरुवार से शुरू हो रहे फीफा विश्व कप के पहले मैच के विजेता की घोषणा कर दी है.
सेंट पीटर्सबर्ग : रूस के हेरिटेज म्यूजिम में मौजूद एचिलेस नामक बिल्ली ने गुरुवार से शुरू हो रहे फीफा विश्व कप के पहले मैच के विजेता की घोषणा कर दी है. फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के पहले मैच में मास्को के लुज्निकी स्टेडियम में मेजबान रूस का सामना सऊदी अरब से होगा. ओल्ड इम्पेरियल सारिस्ट कैपिटल के प्रेस सेंटर में रखी दो कटोरियों में से इस बिल्ली ने एक कटोरी को चुना जिसमें रूस की पर्ची थी. इसके बाद इस बिल्ली को रूस की टीम का लाल स्वेटर सौंपा गया और फिर इसे इसके मालिक एना कासाटकिना के सुपुर्द कर दिया गया. इस तरह इस बिल्ली ने मेजबान रूस के जीतने की भविष्यवाणी की है.
ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी जानवर ने फीफा विश्व कप में जीत की भविष्यवाणी की है. इससे पहले ऑक्टोपस पॉल ने फीफा विश्व कप को लेकर भविष्यवाणियां की थीं जो काफी हद तक सही साबित हुई थीं. देखना होगा कि एचिलेस नामक इस बिल्ली की भविष्यवाणियां कितनी सही साबित होती हैं.
अगर फीफा रैंकिंग की बात की जाए तो उसमें रूस और साउदी अरब क्रमश: 70वें एवं 67वें पायदान पर मौजूद दो टीमों के बीच मुकाबला रोचक होने की पूरी उम्मीद है. दोनों टीमें खिताब जीतने के दावेदार में नहीं मानी जा रही हैं लेकिन रूस अपने समर्थकों की मौजूदगी में जीत के साथ टूर्नामेंट की सकारात्मक शुरुआत करना चाहेगा.
पिछले दो वर्षो में रूस का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. 2016 यूरोपीय चैम्पियनशिप के बाद से मेजबान टीम ने कुल 19 मैच खेले हैं और केवल छह में जीत दर्ज की है. रूसी टीम अक्टूबर 2017 के बाद से एक भी मैच जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है जो टीम की मौजूदा स्थिति को दर्शाती है.
सिर्फ उरुग्वे ही है ग्रुप में मजबूत टीम
सऊदी अरब के अलावा रूस के ग्रुप में उरुग्वे और मिस्र की टीमें शामिल हैं. इनमें से सिर्फ उरुग्वे को ही दमदार टीम माना जा रहा है. ऐसे में ग्रुप से अन्य सभी टीमें के पास अगले दौर में प्रवेश करने का बराबर मौका है. मेजबान टीम में कोई भी स्टार खिलाड़ी मौजूद नहीं हैं और टूर्नामेंट से पहले उसके दो मजबूत डिफेंडर विक्टर वासिन एवं जॉर्जी झिकिया के अलावा फॉरवर्ड एलेक्जेंडर कोकोरिन चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं.
कोच चेरचेशोव की टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उसका डिफेंस है और विक्टर और झिकिया के चोटिल होने के बाद उनके पास कोई ऐसा नाम नहीं है जो डिफेंस को मजबूत कर सके. हालांकि, प्रशंसकों को गोलकीपर इगोर एकिन्फीव से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी. टीम के अटैक की जिम्मेदारी स्ट्राइकर फेडर स्मोलोव पर होगी जिन्होंने क्रास्नोडार एफसी से खेलते हुए 2015-16 एवं 2016-17 सीजन में रूस की प्रथम श्रेणी लीग में सबसे अधिक गोल किए.
कम नहीं हैं साऊदी अरब की चुनौतियां
दूसरी ओर सऊदी अरब के लिए पिछले कुछ साल अच्छे नहीं रहे हैं. विश्व कप में भाग लेने से पहले पिछले एक साल में टीम तीन कोच बदल चुकी है. मौजूदा कोच जुआन एंटोनी पिज्जी के लिए सऊदी अरब को नॉकआउट स्तर तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती होगी.
जर्मनी में हुए 2006 विश्व कप के बाद पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही सऊदी अरब की सबसे बड़ी ताकत टीम में मौजूद खिलाड़ियों की एकजुटता है. टीम के अधिकतर खिलाड़ी सऊदी प्रीमियर लीग में खेलते हैं और उनके बीच अच्छा तालमेल है. हालांकि, रूस की तरह सऊदी टीम में भी कोई बड़ा सितारा नहीं है, लेकिन मिडफील्ड की जान यहया अल-शेहरी पर सबकी निगाहें टिकी होंगी.
सऊदी अरब में अनुभव की भी कमी है जो मेजबान टीम के खिलाफ उसकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो सकती है जिसने निपटना कोच जुआन एंटोनी पिज्जी के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.