Hockey WC 2023 Winner: जर्मनी ने तीसरी बार जीता हॉकी वर्ल्ड कप, फाइनल में बेल्जियम को हराकर दिखाया दम
Hockey World Cup 2023 Final: जर्मनी ने तीसरी बार हॉकी वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा कर लिया है. जर्मनी ने हॉकी वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच में बेल्जियम को मात देकर अपना दम दिखाया है. हॉकी वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ. पेनल्टी शूटआउट में जर्मनी ने बेल्जियम को 5-4 से हराकर तीसरी बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा कर लिया.
Hockey World Cup 2023 Final: जर्मनी ने तीसरी बार हॉकी वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा कर लिया है. जर्मनी ने हॉकी वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच में बेल्जियम को मात देकर अपना दम दिखाया है. हॉकी वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ. पेनल्टी शूटआउट में जर्मनी ने बेल्जियम को 5-4 से हराकर तीसरी बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा कर लिया.
जर्मनी ने तीसरी बार जीता हॉकी वर्ल्ड कप
बेल्जियम एक समय पर 2-0 से आगे था, लेकिन जर्मनी ने अपने हौसले के दम पर वापसी की और शूटआउट में मुकाबला 5-4 (फुल टाइम 3-3) से जीत लिया. जर्मनी की ने 17 साल बाद हॉकी वर्ल्ड कप जीता है. जर्मनी इससे पहले साल 2002 और 2006 में हॉकी वर्ल्ड कप का चैंपियन बना था और अब 2023 में ये खिताब जीतकर जर्मनी ने तीसरी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है.
नीदरलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराकर कांस्य पदक जीता
इसके अलावा कप्तान थिएरी ब्रिंकमैन के दो गोल की मदद से नीदरलैंड ने रविवार को आक्रामक प्रदर्शन करते हुए दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराकर एफआईएच पुरूष हॉकी वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीत लिया. ब्रिंकमैन ने 35वें और 40वें मिनट में दो गोल किये जबकि टीम के लिए एक अन्य गोल पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ जिप जानसेन ने 33वें मिनट में दागा. ऑस्ट्रेलिया के लिए एकमात्र गोल पेनल्टी कॉर्नर विशेष जेरेमी हेवार्ड ने 13वें मिनट में दागा.
नीदरलैंड ने इस तरह लगातार चौथी दफा पोडियम स्थान हासिल किया और टीम इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा पदक जीतने के मामले में ऑस्ट्रेलिया के बराबर हो गई है. नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों के अब वर्ल्ड कप के 15 चरण में 10-10 पदक हैं. नीदरलैंड की टीम 2010 में तीसरे स्थान पर रही थी, जबकि 2014 और 2018 में उप विजेता बनी थी. उसने 1973, 1990 और 1998 में स्वर्ण पदक जीता था. तीन बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया के लिए 1998 चरण के बाद यह पहला मौका है जब वह बिना पदक स्वदेश लौटेगी. 1998 में टीम चौथे स्थान पर रही थी. पिछले चरण में उसने यहां कांस्य पदक जीता था.