Tokyo Olympics में 3 गोल दागने वाले Hockey खिलाड़ी ने Bronze Medal जीतने को लेकर कही बड़ी बात
भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men`s Hockey Team) ने 41 साल बात ओलंपिक (Olympics) में कोई मेडल जीता है. इसमें फॉरवर्ड प्लेयर गुरजंत सिंह (Gurjant Singh) का बड़ा योगदान रहा है.
नई दिल्ली: भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men's Hockey Team) के फॉरवर्ड प्लेयर गुरजंत सिंह (Gurjant Singh) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) गेम्स में 3 गोल किए थे. उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक बॉन्ज मेडल विनिंग कैंपेन ने टीम को सिखाया था कि जीत की कीमत होती है, गुरजंत ने कहा, एक मेडल के लिए भाग लेना और लड़ना पूरी तरह से एक अलग खेल है. हर टीम जीतना चाहती है, और वो भी पूरी तरह से तैयार होकर आती हैं, उन्होंने भी हमारी तरह कड़ी मेहनत की थी, इसलिए ओलंपिक में मेडल जीतना आसान नहीं है, और मुझे लगता है कि यह हमारी सबसे बड़ी सीख भी थी.
'कीमत चुकाने पर मिलती है जीत'
गुरजंत सिंह (Gurjant Singh) ने कहा, तैयारी से कॉम्पिटीशन और ओलंपिक में मेडल जीतने तक के पूरे सफर ने हमें सिखाया कि जीत एक कीमत पर आती है, और कीमत कड़ी मेहनत थी. हमने दिन-रात काम किया था, हमने अपनी फिजिकल फिटनेस और मेंटल फिटनेस पर भी काम किया था, हमने कई सारी कुर्बानियां दीं, और मुझे लगता है कि जिसका हमें रिजल्ट मिला.
'कॉन्फिडेंस और जोश का लेवल ज्यादा था'
यह पूछे जाने पर कि क्या वो अपना पहला ओलंपिक गेम खेलते हुए घबराए हुए थे, 26 साल फारवर्ड गुरजंत सिंह (Gurjant Singh) ने कहा, मुझे लगता है कि कॉन्फिडेंस और जोश का लेवल घबराहट से ज्यादा था. अपने देश को रिप्रजेंट करने की वो भावना, जिसका हॉकी में बहुत शानदार ओलंपिक इतिहास रहा है, आपको मैदान पर अतिरिक्त आत्मविश्वास देता है.
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'क्वार्टरफाइनल में था थोड़ा प्रेशर'
गुरजंत सिंह (Gurjant Singh) ने कहा, हां, क्वार्टरफाइनल मैच में थोड़ा दबाव था, लेकिन हमने इसे असाधारण रूप से अच्छी तरह से प्रबंधित किया. हमने 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीता. मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं इसका हिस्सा था और टीम की ऐतिहासिक जीत में योगदान दे सका. अमृतसर में जन्मे गुरजंत ने कहा कि टीम का मकसद निरंतरता बनाए रखना और ऐतिहासिक अभियान को आगे बढ़ाना होगा. गुरजंत 2016 जूनियर मेंस वर्ल्ड कप जीतने वाली इंडिया कोल्ट्स टीम का हिस्सा थे.
अगले कैंपेन के लिए तैयार हैं गुरजंत
एफआईएच हॉकी पुरुष जूनियर विश्व कप भुवनेश्वर 2021 पर गुरजंत ने कहा, मुझे वास्तव में खुशी है कि जूनियर विश्व कप का अगला संस्करण भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है, जो भारतीय हॉकी का घर है. ओडिशा सरकार वास्तव में मददगार रही है. भारतीय हॉकी के लिए, और फैंस वास्तव में खेल के बारे में भावुक हैं, यह जूनियर खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा तजुर्बा होगा.