नई दिल्ली: विश्व चैंपियन भारतीय वेटलिफ्टर सेखोम मीराबाई चानू ने कमर की चोट के बाद मजबूत वापसी करते हुए गुरुवार को थाईलैंड में ईजीएटी कप में स्वर्ण पदक जीता. इस चोट के कारण चानू 2018 में छह महीने से अधिक समय तक प्रतियोगिताओं से दूर रही थी. चानू ने 48 किग्रा वर्ग में 192 किग्रा वजन उठाकर सिल्वर लेवल ओलंपिक क्वालीफाइंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता. तोक्यो 2020 ओलंपिक की अंतिम रैंकिंग के कट के लिए इस प्रतियोगिता के अंक महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.


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चानू ने कहा, ‘‘चोट से उबरने के बाद यह मेरी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है. मैं शत प्रतिशत फिट महसूस कर रही हूं लेकिन चोट के बाद यह मेरी पहली प्रतियोगिता है इसलिए नतीजा सर्वश्रेष्ठ नहीं रहा.’’


उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह 196 किग्रा के मेरे निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से सिर्फ चार किग्रा कम है. मैं अपने प्रदर्शन से संतुष्ट और खुश हूं. मैंने 2017 में 194 किग्रा वजन उठाकर विश्व चैंपियनशिप जीती थी.’’


नौ महीने तक खेल से दूर
मणिपुर की इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने स्नैच में 82 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 110 किग्रा वजन उठाकर शीर्ष स्थान हासिल किया. उन्हें चोट से उबरने के लिए विस्तृत फिजियोथेरेपी करानी पड़ी थी और वह नौ महीने तक खेल से दूर रही.


वहीं, जापान की मियाकी हिरोमी (183 किग्रा) ने रजत जबकि पापुआ न्यू गिनी की लोआ डिका तोआ (179 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता.


एशियाई खेलों में भी नहीं खेलीं
चानू इस चोट के कारण पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाई थी जो गोल्ड स्तर का ओलंपिक क्वालीफायर है. वह जकार्ता में एशियाई खेलों में भी नहीं खेली थी. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अगला लक्ष्य चीन में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप है जिसके बाद विश्व चैंपियनशिप है जो मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण है.’’


चानू ने इससे पहले गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया था जहां उन्होंने 196 किग्रा के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था. उन्होंने स्नैच में 86 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 110 किग्रा वजन उठाया था जो खेलों का रिकार्ड और निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.


(इनपुट-भाषा)