IPL 2023 के बीच सामने आई बेहद बुरी खबर, इस भारतीय दिग्गज खिलाड़ी का हुआ निधन
Indian Cricket Team: इंडियन प्रीमियर लीग 2023 के बीच भारतीय क्रिकेट जगत से एक बुरी खबर सामने आई है. भारतीय क्रिकेट के एक दिग्गज खिलाड़ी का निधन हो गया है.
Sudhir Naik dies at 78: इंडियन प्रीमियर लीग 2023 (IPL 2023) के बीच भारतीय क्रिकेट जगत से एक बुरी खबर सामने आई है. हाल ही में दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी (Salim Durani) का निधन हो गया था. वहीं, अब एक और भारतीय दिग्गज ने इस बीच दुनिया को अलविदा कह दिया है. इस दिग्गज खिलाड़ी ने टीम इंडिया के लिए साल 1974 में अपना पहला मैच खेला था. इतना ही नहीं ये दिग्गज रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान भी थे.
भारतीय टीम के इस दिग्गज का निधन
भारत के लिए 1974 में तीन टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व सलामी बल्लेबाज सुधीर नाईक (Sudhir Naik) का संक्षिप्त बीमारी के बाद बुधवार (5 अप्रैल) को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) के सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की है. वह 78 वर्ष के थे और उनके परिवार में उनकी बेटी है. नियमित रूप से उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने वाले एमसीए के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, 'हाल ही में वह बाथरूम के फर्श पर गिरे थे और उनके सिर में चोट लग गई थी जिसके बाद उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह कोमा में चले गए और फिर कभी ठीक नहीं हुए.'
रणजी में मुंबई टीम की कमान संभाली
सुधीर नाईक (Sudhir Naik) मुंबई क्रिकेट जगत में एक बेहद सम्मानित व्यक्ति और रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान थे. उनके नेतृत्व ने टीम ने 1970-71 सीजन में रणजी खिताब जीता था. नाईक के नेतृत्व की काफी सराहना की गई क्योंकि मुंबई ने उस सीजन में सुनील गावस्कर, अजीत वाडेकर, दिलीप सरदेसाई और अशोक मांकड़ जैसे सितारों के बिना रणजी ट्रॉफी जीती थी. जब 1972 का रणजी सीजन शुरू हुआ तो नाईक को प्लेइंग से बाहर कर दिया गया क्योंकि टीम में मुख्य बल्लेबाज वापस आ गए थे.
1974 में इंग्लैंड के खिलाफ किया डेब्यू
उन्होंने 1974 में इंग्लैंड दौरे पर बर्मिंघम टेस्ट में डेब्यू किया जहां उन्होंने दूसरी पारी में हार के दौरान अपना एकमात्र अर्धशतक बनाते हुए 77 रन की पारी खेली. उन्होंने 85 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 35 से अधिक के औसत से 4376 जिसमें एक दोहरा शतक सहित सात शतक शामिल रहे. नाईक ने कोच के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई. जहीर खान के करियर में उनकी बड़ी भूमिका रही क्योंकि वह उन्हें मुंबई में क्रिकेट खेलने के लिए लाए और उन्हें अपेक्षित अनुभव प्रदान किया. वह मुंबई चयन समिति के अध्यक्ष भी थे. बाद के वर्षों में उन्होंने नि:शुल्क वानखेड़े स्टेडियम के क्यूरेटर के रूप में काम किया.
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