नई दिल्ली: BCCI ने टी-20 वर्ल्ड कप के लिए पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम का मेंटॉर बनाकर सभी को चौंका दिया. बता दें कि धोनी के पास वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे बेहतरीन क्रिकेटिंग माइंड है. क्रिकेट के खेल को धोनी सबसे बेहतर समझने में माहिर हैं. धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में आईसीसी वनडे वर्ल्ड का खिताब जीता था. धोनी को आखिर टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का मेंटॉर क्यों बनाया गया, इसका राज अब BCCI ने खोल दिया है.


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धोनी को क्यों बनाया गया मेंटॉर?


BCCI के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि टी20 वर्ल्ड कप में धोनी की मौजूदगी से भारत को निश्चित रूप से फायदा होगा. उन्होंने कहा, 'धोनी एक महान कप्तान रहे हैं. धोनी की कप्तानी में, भारत ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2010 और 2016 एशिया कप, 2011 वर्ल्ड कप और 2013 चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है. धोनी का रिकॉर्ड अद्भुत हैं. ICC टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम के मेंटॉर के रूप में धोनी का होना वास्तव में बहुत अच्छा है.'


धोनी में क्या है खास बात? 


BCCI को उम्मीद है कि धोनी ने जैसे टीम इंडिया को 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 आईसीसी वनडे वर्ल्ड में चैम्पियन बनाया था, ठीक वैसे ही वह भारतीय टीम की किस्मत बदल देंगे. अगर ऐसा होता है, तो कप्तान विराट कोहली मैदान पर भले ही टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे, लेकिन प्लान धोनी का होगा. धोनी टीम इंडिया की कप्तानी मैदान के बाहर से करेंगे. इसी रणनीति की वजह से भारत के पास टी20 वर्ल्ड कप जीतने का बेस्ट मौका होगा.


वर्ल्ड कप जैसे बड़े मौकों पर चूक जाते हैं कोहली 


विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में सबसे बड़ी समस्या ये रही है कि कप्तान बनने के बाद वह भारत को एक भी बड़ा टूर्नामेंट नहीं जिता पाए. कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भारत को 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान ने हराया. फिर 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने हराकर सपना तोड़ दिया. इसके बाद 2021 आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भी विराट कोहली खिताब जीतने से चूक गए. 


धोनी को इस वजह से बनाया गया मेंटॉर


महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने अपनी कप्तानी में भारत को कई ऐतिहासिक पल दिए हैं. महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने अपनी कप्तानी में आईसीसी की तीन बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है. महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में भारत आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है. इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था. धोनी (MS Dhoni) अपनी कप्तानी में किसी भी क्रिकेटर को असुरक्षित महसूस नहीं करवाते थे और उनके टीम सेलेक्शन में निरंतरता दिखती थी. यही वजह थी कि एक कप्तान के तौर पर वो इतने सफल रहे.


धोनी कैसे भारत को जिताते थे ICC टूर्नामेंट्स?


धोनी खिलाड़ियों को हमेशा टीम में अपनी जगह को लेकर सुरक्षित महसूस कराते थे और ये उनकी कप्तानी की सबसे बड़ी खासियत थी. धोनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं करते थे और इसी वजह से वो इतने बेहतर कप्तान थे. वो टीम में किसी को भी असुरक्षित महसूस नहीं करवाते थे. धोनी पूरे टूर्नामेंट में लगभग एक जैसी टीम खिलाते थे. धोनी की कप्तानी में लीग स्टेज से लेकर नॉकआउट स्टेज तक लगभग एक जैसी टीम रहती थी. धोनी के पास हमेशा से ही ऐसे खिलाड़ी थे जो बड़े मुकाबले में रन बनाते थे.


महेंद्र सिंह धोनी का रिकॉर्ड शानदार 


महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए 350 वनडे मैचों में 50.57 की औसत से 10773 रन बनाए हैं, जिसमें 10 शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं. धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए हैं, जिसमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं. धोनी ने भारत के लिए 98 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 37.60 की औसत से 1617 रन बनाए हैं, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं.


पिछले साल लिया था संन्यास


धोनी ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर से संन्यास ले लिया था और वह भारत के लिये अंतिम मैच 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में खेले थे. इस मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद भारत टूर्नामेंट से बाहर हो गया था. माना जा रहा है कि उन्हें सीमित ओवरों की क्रिकेट के लिये रणनीति तैयार करने में टीम इंडिया की मदद के लिए नियुक्त किया गया है. धोनी के अनुभव और रिकॉर्ड्स को देखते हुए इस रोल में वह सबसे फिट नजर आते हैं. धोनी के पास आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट्स में जीत हासिल करने का अनुभव है और वह इसके लिए एक कारगर रणनीति बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं.


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