कराची : पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मानना है कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड शारजील खान और खालिद लतीफ के खिलाफ स्पाट फिक्सिंग के आरोप साबित करने में नाकाम रहता है तो उसे शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।


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अख्तर ने दावा किया कि उन्हें लगता है कि पीसीबी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के प्रमुख कर्नल (सेवानिवृत्त) आजम ने इस पूरे प्रकरण में जल्दबाजी दिखाई और भारी गलती की। दुबई में पाकिस्तान सुपर लीग से शारजील और खालिद को स्वदेश वापस भेजे जाने के बाद यह प्रकरण सामने आया था।


पीसीबी ने भ्रष्टाचार रोधी संहिता के तहत शारजील और खालिद को निलंबित किया था और स्वदेश लौटने के बाद ये दोनों लाहौर में एसीयू प्रमुख और बोर्ड के कानूनी विशेषज्ञों के समक्ष तीन बार पेश हो चुके हैं।


अख्तर ने जियो न्यूज से कहा, ‘मुझे नहीं पता लेकिन अगर शारजील और खालिद दोष स्वीकार नहीं करते और बोर्ड आरोप पत्र तय करता है और इस मामले की जांच के लिए आयोग नियुक्त करता है तो मुझे लगता है कि एसीयू प्रमुख ने जल्दबाजी की और खिलाड़ियों को स्वदेश भेजकर गलती की।’ 


उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि अगर बोर्ड कह रहा है कि मजबूत साक्ष्यों और दस्तावेजों के आधार उन्हें निलंबित किया गया है तो आखिर क्यों वे दोष स्वीकार नहीं कर रहे और मामला लड़ने का फैसला किया है।’ इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि किसी भी अदालत या आयोग के सामने मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग के आरोप साबित करना हमेशा मुश्किल होता है।