Top 5 Differences Between Petrol & Diesel Engines: भारत में फिलहाल डीजल इंजन के भविष्य को लेकर बहुत ज्यादा स्पष्ट स्थिति नहीं है. लेकिन, फिर भी जब बात बड़ी गाड़ियां खरीदने की आती है तो लोग डीजल इंजन के बारे में ही सोचते हैं. हालांकि, ज्यादातर गाड़ियां पेट्रोल इंजन वाली ही बिक रही हैं. पेट्रोल और डीजल इंजन के बीच के कई अंतर होते हैं. दोनों इंजनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. चलिए, दोनों के बीच के 5 बड़े अंतर आपको बताते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1. इग्निशन प्रोसेस


पेट्रोल इंजन में इग्निशन के लिए स्पार्क प्लग का इस्तेमाल होता है. स्पार्क प्लग ही चिंगारी से फ्यूल को जलाता है, जिससे पावर जनरेट होती है और इंजन चलता है. वहीं, डीजल इंजन में इसके लिए कम्प्रेशन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे एयर-फ्यूल मिक्चर हाई प्रेशर से गर्म होता है और जलता है.


2. कीमत और रखरखाव


आमतौर पर पेट्रोल इंजन कम महंगे होते हैं और उनका रखरखाव आसान होता है. वहीं, पेट्रोल इंजन की तुलना में ज्यादा महंगे होते हैं और देखभाल करना भी थोड़ा कठिन होता है. आपने नोटिस किया होगा कि डीजल इंजन की कारें पेट्रोल इंजन वाली कारों से महंगी होती है.


3. टॉर्क और पावर


डीजल इंजन कम स्पीड पर ज्यादा टॉर्क देने के लिए जाने जाते हैं और यह अधिक कुशल होते हैं. यानी, इनमें ज्यादा पुलिंग पावर होती है और शुरुआत में ज्यादा तगड़ा एक्सेलेरेशन मिलता है. वहीं, पेट्रोल इंजन तेज स्पीड पर ज्यादा पावर दे पाते हैं, जिससे ज्यादा रेस्पॉन्सिव ड्राइविंग मिलती है.


4. ठंड का असर


डीजल इंजन को सर्दियों के मौसम में स्टार्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ठंड में इग्निशन के लिए और ज्यादा हाई कम्प्रेशन की जरूरत होती है. जबकि, पेट्रोल इंजन इससे अलग होते हैं. इनमें इग्निशन के लिए स्पार्क प्लग होता है और पेट्रोल ज्यादा जल्दी (डीजल के मुकाबले) आग पकड़ता है.


5. माइलज


पेट्रोल इंजन की तुलना में डीजल इंजन ज्यादा माइलेज देने में सक्षम होते हैं. यानी, कम फ्यूल में ज्यादा चलते हैं. वहीं, पेट्रोल इंजन कम माइलेज देते हैं, इनका माइलेज बढ़ाने के लिए अब कारों में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है.